नासिक महानगरपालिका के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में सप्ताह में एक दिन की जाएगी जलापूर्ति में कटौती, यहां जानें पूरी जानकारी

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नासिक : मौसम विभाग (Meteorological Department) की ओर से यह जानकारी दी गई है कि इस वर्ष मानसून अपने तय समय से न आकर विलंब से आएगा। विलंब से मानसून आने की आशंका के मद्देनजर नासिक महानगरपालिका प्रशासन (Nashik Municipal Administration) की ओर से शहर में सप्ताह में एक दिन जल आपूर्ति में कटौती करने का फैसला किया है, ऐसे में संकेत मिल रहे हैं कि शनिवार से शहर में जल कटौती (Water Cut) करने का फैसला बुधवार को हुई बैठक में लिया गया। 

राज्य सरकार के निर्देश के अनुसार भारतीय मौसम विभाग की ओर से इस वर्ष अल नीनो के कारण वर्षा का मौसम लंबा चलने की भविष्यवाणी के बाद नासिक महानगरपालिका ने अप्रैल महीने से ही जल कटौती करने की तैयारी शुरू कर दी है। नासिक महानगरपालिका की ओर से राज्य सरकार को जल कटौती योजना सौंपे जाने के बाद महानगरपालिका कमिश्नर डॉ. चंद्रकांत पुलकुंडवार ने बुधवार को जलापूर्ति विभाग की बैठक बुलाई थी। बैठक में निर्णय लिया गया कि सप्ताह में शनिवार को एक दिन जलापूर्ति करने का निर्णय लिया गया। 

नासिक शहर में गंगापुर बांध समूह, दारणा और मुकणे बांधों में जुलाई के अंत तक नासिक के लोगों को पीने के लिए पर्याप्त जल भंडार और पर्याप्त जल भंडार हैं। ‘अल नीनो’ के कारण लंबे समय तक मानसून की स्थिति में उत्पन्न होने वाली स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक उपायों के तहत नासिक महानगरपालिका प्रशासन ने सरकार के निर्देशानुसार जल कटौती योजना का मसौदा तैयार किया है। 

जून-जुलाई की भी प्लानिंग

अप्रैल से जल कटौती शुरू करने के बाद नासिक महानगरपालिका ने बांधों में उपलब्ध जल संग्रहण का आकलन कर जून और जुलाई में सप्ताह में दो दिन पूरे शहर की जलापूर्ति बंद करने की योजना भी पेश की गई है। इस योजना के तहत पहले चरण में सप्ताह में एक दिन जल कटौती लागू की जाएगी, जिसके लिए शनिवार का दिन निर्धारित किया गया है। जून से सप्ताह में दो दिन पानी की कटौती करने की भी विचार किया जा गया है। वर्तमान में नासिक को प्रतिदिन 540 मिलियन लीटर जलापूर्ति की जाती है। इस हिसाब से अगर हफ्ते में एक दिन या महीने में चार दिन पानी कम किया जाए तो 2,140 मिलियन क्यूबिक फीट पानी की बचत होगी। इस महीने में भी 214 करोड़ लीटर पानी की बचत होगी क्योंकि मई महीने में चार शनिवार हैं। 

हालांकि जून और जुलाई में दो दिन पानी कटौती की योजना पर विचार किया जा रहा है, अगर ऐसा होता है तो इन दो महीनों में 16 दिन के रूप में 8,640 मिलियन क्यूबिक फीट पानी की बचत होगी। इस हिसाब से जुलाई तक करीब 12 हजार 920 करोड़ लीटर जल की बचत होगी, इसलिए चार महीने में करीब तीन सप्ताह तक पानी की कटौती करने की योजना बनाई गई है, ताकि मानसून लंबा चले तो अगस्त महीने के अंत तक आसानी से जलापूर्ति की जा सकेगी।