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    नाशिक : कुछ महीने पहले मोबाइल (Mobile) चोरी हुआ और उपयोगकर्ता ने उसी क्रमांक का दुसरा सिम कार्ड नए मोबाइल में उपयोग करना शुरू किया, लेकिन गायब हुआ मोबाइल में उसका व्हाट्सएप (Whatsapp) शुरू होने की जानकारी हैकर्स (Hackers) ने प्राप्त की। इसका फायदा उठाकर उसने शहर के महानगरपालिका कमिश्नर और विभागीय आयुक्त इन दो आयएएस अधिकारियों की फर्जी पहचान दिखाकर मैसेज अपलोड किए। इस दोनों सिम कार्ड क्रमांक की पुलिस ने तलाश की। इसके बाद पुणे और गुजरात कनेक्शन सामने आया। केवल हैकिंग और डेटा चोरी से यह प्रकरण होने का प्राथमिक अंदाज लगाया जा रहा है। चार दिनों पूर्व महानगरपालिका कमिश्नर चंद्रकांत पुलकुंडवार का फोटो और नाम का उपयोग करते हुए दूसरे क्रमांक पर मैसेज आया। यही, घटना दो दिनों पूर्व विभागीय आयुक्त राधाकृष्ण गमे को लेकर हुई। पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की गई। इस संदर्भ में वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सूरज बिजली ने प्राथमिक जांच की। पुलिस हैकिंग करने वाले सहित अन्य जानकारी प्राप्त करने का प्रयास कर रही है। 

    क्या है प्रकरण?

    पुलकुंडवार की पहचान दिखाई गई। यह क्रमांक पुणे जिले के आलेफाटा निवासी एक व्यक्ति का है। वह, निजी कर्मी है, जिससे स्थानीय पुलिस स्टेशन में अपना मोबाइल चोरी होने की शिकायत की है। इस क्रमांक से गमे की पहचान बताई गई। यह क्रमांक मध्य प्रदेश का है, जो वर्तमान में गुजरात के गांधीनगर से ऑपरेट हो रहा है। संबंधित व्यक्ति का भी मोबाइल चोरी हुआ है। मोबाइल चोरी के बाद इस क्रमांक का व्हाट्सएप पहले मोबाइल में शुरू रहा, जब तक एप से अकाउंट लॉग-आउट नहीं होता, तब तक वायफाय के माध्यम से व्हाट्सएप चलाना संभव होता है, इसके लिए सिम का मोबाइल में होना अनिवार्य नहीं होता। 

    जांच के बिंदु

    पुलकुंडवार वर्तमान में महानगरपालिका कमिश्नर और गमे तत्कालीन महानगरपालिका कमिश्नर होने की जानकारी समान है। इसलिए महानगरपालिका का कॉन्टैक्ट डेटा इसमें महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मेसेज करने वाले अज्ञात ने बदमाश ने केवल अन्य अधिकारी और कर्मियों को जानकारी देने के लिए मैसेज करने की जानकारी मिली। पुलिस जांच में जुटी हुई है। 

    सेटिंग शुरू रखें

    ‘ओन्ली मी अथवा ओन्ली कॉन्टैक्ट’ यह व्हाट्सएप सेटिंग कायम जारी रखें। इससे डीपी अथवा जानकारी चोरी होने का खतरा नहीं होगा। दो क्रमांक का मोबाइल इससे पूर्व चोरी होने की शिकायत है। इस मोबाइल का उपयोग करते हुए यह घटना होने की संभावना है। -(संजय बारकुंड, उपायुक्त, अपराध विभाग)