Will fight till last drop of blood to stop sand auction: Sunil Pawar

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    देवला : गिरणा नदी (Girna River) के पानी पर बसा भौर गांव और अगर इस क्षेत्र में नदी के रेत (Sand) की नीलामी की जाती है, तो किसानों के साथ-साथ ग्रामीणों का जीवन बर्बाद हो जाएगा। अत: सुरभौर की विशेष ग्राम सभा में निर्णय लिया गया कि इन स्थानों की रेत नीलामी की अनुमति नहीं दी जाएगी।

    विशेष सभा में गिरणा नदी बेसिन के भौर में बालू स्थल की नीलामी के संबंध में उपमंडल अधिकारी देशमुख की अध्यक्षता में विशेष ग्राम सभा का आयोजन किया गया। सुरभौर के ग्रामीणों ने रेत नीलामी का विरोध किया। ग्रामीणों की ओर से देवला शिवसेना प्रमुख सुनील पवार ने कहा कि हम रेत के मुद्दे को लेकर खून के आखिरी बूंद तक लड़ेंगे।

    वरिष्ठ सहायक अधिकारी अहिरे, बोर्ड अधिकारी राम परदेशी, भौर के सरपंच दादा मोरे, पुलिस पाटिल भरत पवार, काशीनाथ पवार,  जी भाऊ पवार, सुभाष पवार, दिनकर निकम, भाऊसाहेब पवार, केड़ा पवार, शरद पवार, दीपक पवार, कैलाश पवार, विलास पवार, राजेंद्र पवार, बापू गरुड़, प्रदीप पवार, अमोल पवार, ग्रामसेवक एकनाथ गावित,  नितिन धोंडगे, कोतवाल जिभाऊ गरुड़ के साथ-साथ उप पंच, ग्राम पंचायत सदस्य और ग्रामीण बड़ी संख्या में मौजूद थे।

    खामखेड़ा-सावकी में कड़ा विरोध

    खामखेड़ा, सावकी, विठेवाडी, महल पटाने, लोहानेर गांवों में भी। 17 को स्थल रेत नीलामी के लिए एक विशेष ग्राम सभा की योजना बनाई गई थी। खामखेड़ा, सावकी, विठेवाडी, महल पटाने में भी भौर की तरह नीलामी का कड़ा विरोध हुआ।

    रेत की तस्करी रोकने की गुहार

    रात में अंधेरे में बड़ी मात्रा में रेत की तस्करी होने के कारण क्षेत्र के कुछ युवकों ने इस पर लगाम लगाने के लिए बालू की नीलामी की मांग की। बालू नीलामी का विरोध करते हुए योगेश पवार ने कहा कि राजस्व विभाग को ग्रामीणों की भूमिका पता होनी चाहिए। राजस्व अधिकारियों ने हालांकि कहा कि लोहनेर में नीलामी को मंजूरी देने का फैसला लिया गया है।