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    मुंबई: महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) ने शुक्रवार को विशेष अदालत से कहा कि राज्य संचालित एक अस्पताल में उन्हें उचित इलाज नहीं मुहैया कराया गया। नवाब मलिक ने अदालत को बताया कि वह इस हफ्ते की शुरुआत में बुखार और डायरिया की शिकायत पर इस अस्पताल में भर्ती थे।  

    मलिक (62) को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 23 फरवरी को धन शोधन (निवारण) अधिनियम (पीएमएलए) के तहत भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों की गतिविधियों से जुड़ी धन शोधन जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। मंत्री को उनकी न्यायिक हिरासत की समाप्ति पर शुक्रवार को अदालत में पेश किया गया, जिसे अब 14 दिन और बढ़ा दिया गया है। 

    मलिक के वकील कुशल मोर ने सोमवार को अदालत को बताया था कि मंत्री को बुखार और दस्त की शिकायत होने पर सरकारी जेजे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अधिवक्ता ने दावा किया था कि मलिक की तबीयत खराब हो गई थी और उनकी हालत ‘गंभीर’ थी।  दो दिन बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता को वापस जेल भेज दिया गया। शुक्रवार को कार्यवाही के दौरान विशेष न्यायाधीश आरएन रोकाडे ने मलिक से पूछा कि क्या उन्हें कोई तकलीफ है।

    इस पर मलिक ने अदालत को बताया कि वह गुर्दे की बीमारी से पीड़ित थे और कमजोरी तथा दर्द महसूस कर रहे थे। मंत्री ने आगे दावा किया कि अस्पताल ने उन्हें उचित इलाज नहीं दिया। चिकित्सा आधार पर मलिक की अंतरिम जमानत याचिका अदालत में लंबित है और उन्होंने अपनी पसंद के चिकित्सक की मौजूदगी में इलाज की मांग वाली याचिका भी दायर की है।

    ईडी ने हाल ही में मलिक के खिलाफ मामले में 5,000 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया था।हालांकि, राकांपा नेता ने अपने खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों से इनकार किया था और बंबई उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया था।  (एजेंसी)