Former Mumbai Police Commissioner Param Bir Singh did not appear before ACB, was issued summons in extortion case
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    मुंबई: महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल (Maharashtra Home Minister Dilip Walse Patil) ने बुधवार को राज्य विधानसभा में कहा कि निलंबित भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी परमबीर सिंह के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई केंद्र ने शुरू की है। मुंबई (Mumbai) और ठाणे (Thane) में जबरन वसूली (Extortion Case) के कई मामलों में आरोपी के तौर पर नाम सामने आने के बाद इस महीने की शुरुआत में सिंह को निलंबित कर दिया गया था। इससे पूर्व, मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त ने राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था।   

    पाटिल ने बुधवार को राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के पहले दिन प्रश्नकाल के दौरान अबू आसिम आजमी (समाजवादी पार्टी के) द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में निचले सदन में एक लिखित उत्तर दिया। मंत्री ने कहा, ‘‘केंद्र ने परमबीर सिंह के खिलाफ अखिल भारतीय सेवा नियम के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई आरंभ की है।” उन्होंने बताया कि राज्य के गृह विभाग को 28 पुलिस अधिकारियों के निलंबन के संबंध में सिफारिश मिली थी। उन्होंने बताया कि गृह विभाग को परमबीर सिंह समेत 30 पुलिस अधिकारियों के गंभीर अपराधों में संलिप्त होने की सूचना मिली थी।  

    पाटिल ने बताया कि राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने निष्पक्ष एवं स्वतंत्र जांच सुनिश्चित करने के लिए उनके निलंबन का प्रस्ताव दिया था। उन्होंने बताया कि गृह विभाग ने उनके खिलाफ आरोपों की विस्तृत जानकारी मांगी है। इन अधिकारियों में पांच पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) और पांच सहायक पुलिस आयुक्त (एसीसपी) शामिल हैं।   

    मंत्री ने बताया कि अभी तक परमबीर और पराग मानेरे (जिन्होंने डीसीपी के तौर पर सेवाएं दीं) को निलंबित किया गया है। इस बीच, अवैध रेत तस्करी संबंधी एक सवाल पर चर्चा के दौरान, महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट ने सदन को बताया कि राज्य सरकार ‘‘नीलामी के लिए ‘ऑफसेट’ मूल्य 600 रुपये तय करेगी।”  

    उन्होंने कहा कि नीलामी पर निर्णय लेने की अवधि कम करने और कानून एवं न्यायपालिका विभाग के साथ विचार-विमर्श करने के बाद महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के प्रावधानों को लागू करने पर भी विचार करने की योजना है। उन्होंने कहा कि अब तक अवैध रेत तस्करी में 1.21 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूल किया जा चुका है।