Parambir Singh approaches Mumbai court, appeals for cancellation of court proclamation order against him
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    मुंबई: मुंबई की एक अदालत (Court) ने मंगलवार को वसूली के मामले (Case of Recovery) में दो पुलिस अधिकारियों (Two Police Officers) को सात दिन के लिए महाराष्ट्र के अपराध जांच विभाग (CID) की हिरासत में भेज दिया। यहां मैरीन ड्राइव थाने में इन दोनों पुलिस अधिकारियों एवं पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह (Param Bir Singh) के विरूद्ध यह मामला दर्ज किया गया था।

    सीआईडी ने सोमवार को पुलिस निरीक्षक नंदकुमार गोपाले और निरीक्षक आशा कोरके को गिरफ्तार किया था। ये दोनों पहले मुंबई की अपराध शाखा में तैनात थे।  गोपाले फिलहाल खंडाला पुलिस प्रशिक्षण केंद्र और कोरके नयीगांव स्थानीय हथियार इकाई में पदस्थापित हैं। संपत्ति कारोबारी (रीयल एस्टेट डेवलपर) श्यामसुंदर अग्रवाल ने 22 जुलाई को मैरीन ड्राइव थाने में वसूली की शिकायत दर्ज करायी थी। 

    मंगलवार को इन दोनों आरोपियों को अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिन मजिस्ट्रेट आर एम नर्लिकर के सामने पेश किया गया। अदालत ने इस मामले में आगे की जांच के लिए दोनों को सीआईडी की हिरासत में भेज दिया। प्राथमिकी में परमबीर सिंह एवं सात अन्य के नाम हैं जिनमें पांच पुलिस अधिकारी हैं।

    प्राथमिकी में कोरके और गोपाले के अलावा डीसीपी (अपराध शाखा) अकबर पठान, सहायक पुलिस आयुक्त श्रीकांत शिंदे और एसीपी संजय पाटिल के नाम हैं। पुलिस ने इस मामले की जांच के दौरान अग्रवाल के पूर्व व्यापारिक साझेदार संजय पूनामिया एवं उनके सहयोगी सुनील जैन को गिरफ्तार किया था।

    सीआईडी को अंडरवर्ल्ड गैंगस्टर छोटा शकील के साथ कथित संबंध को लेकर अग्रवाल के विरूद्ध जुहू थाने में महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम के तहत दर्ज किये गये मामले की जांच का जिम्मा भी सौंपा गया है।  अग्रवाल ने आरोप लगाया था कि इस ‘झूठे’ मामले के आधार पर परमबीर सिंह एवं अन्य पुलिस अधिकारियों ने उसके पूर्व व्यापारिक साझेदार संजय पूनामिया के इशारे पर उससे वसूली की।