पिंपरी : पीने (Drinking) के लिए पानी (Water) मांगने और उसके बाद लगातार (Continuously) अकेले (Lonely) में बुलाकर एक नाबालिग (Minor) लड़की के साथ दुष्कर्म (Rape) करने और इस बारे में किसी को बताने पर लड़की और उसके भाई को जान से मारने की धमकी (Threat) देने के मामले में एक अपराधी (Criminal) को 10 साल के सश्रम कारावास (Rigorous Imprisonment) की सजा सुनाई गई है। इस बारे में तीन साल पहले लोनावला शहर पुलिस में मामला दर्ज किया गया था।
आप्पा यशवंत सालवे (52) सजा सुनाए गए आरोपी का नाम है। उसे पोस्को एक्ट 2012 की धारा 6 के तहत दोषी करार देकर 10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही उसे एक लाख रुपए जुर्माना और जुर्माना न भरने की सूरत में 6 माह की साधी कैद की सजा भी सुनाई गई है। फरवरी से मई 2018 के बीच यह घटना घटी थी।
लड़की गर्भवती हो गई तब यह मामला सामने आया
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, पीड़ित लड़की अनाथ है और अपनी चचेरी दादी के पास रह रही थी। उसके पास के बंगले में काम करनेवाले सालवे ने जान- पहचान का फायदा उठाकर उसे अकेले में बुलाया। उसे और उसके भाई को जान से मारने की धमकी देकर उसके साथ दुष्कर्म किया और उसके बाद लगातार उसका यौन शोषण किया। जब लड़की गर्भवती हो गई तब यह मामला सामने आया।
10 साल के कड़ी कैद की सजा
इस घटना को लेकर 13 मई 2018 को लोनावला शहर पुलिस में पीड़ित लड़की की शिकायत के आधार पर आरोपी अप्पा सालवे के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। इसकी जांच पड़ताल तत्कालीन महिला पुलिस उपनिरीक्षक और फिलहाल सहायक निरीक्षक मुंबई राधिका मुंढे और पुलिस उपनिरीक्षक शिवाजी दरेकर ने की और आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। 13 नवंबर 2021 को पुणे शिवाजीनगर स्थित जिला सत्र न्यायाधीश पी. पी. जाधव ने आरोपी सालवे को पोस्को एक्ट के तहत दोषी करार देकर उसे 10 साल के कड़ी कैद की सजा सुनाई।