पिंपरी. लॉकडाउन (Lockdown) खुलते ही सड़कों (Roads) पर बढ़ी भीड़, वाहनों की भारी संख्या और ट्रैफिक नियमों (Traffic Rules) को लेकर रही उदासीनता से पिंपरी चिंचवड़ शहर (Pimpri Chinchwad City) में सड़क हादसों (Road Accidents) की संख्या बढ़ रही है। आंकड़ों की मानें तो इस साल जनवरी से जुलाई के सात माह में प्राणघातक सड़क हादसों में 182 लोगों की मौतें दर्ज हुई हैं। वहीं 196 लोग विकलांग हुए हैं। जबकि पिछले साल इन्हीं सात माहों में यह संख्या 142 थी।
इन हादसों के कारण जानने की कोशिश करने पर यह विदारक वास्तव सामने आया है कि, ट्रैफिक नियमों की अनदेखी शहरवासियों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। पिंपरी चिंचवड़ शहर की आबादी 25 लाख है। पिछले कुछ वर्षों में शहर में शहरीकरण का एक बड़ा दौर आया है। शहर में सड़कें काफी प्रशस्त और चौड़ी हैं। इसलिए दुपहिया वाहन चालक तेज रफ्तार से वाहन चलाते हैं। नतीजतन, नियंत्रण खो देने पर अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं।
हादसों में कमी नहीं दिख रही है
हालांकि हादसों को रोकने के लिए तमाम उपाय किए जा रहे हैं, लेकिन सड़क हादसों में कमी आती नहीं दिख रही है। इन भीषण दुपहिया वाहनों के हादसे में कई लोगों की जान चली गई है। वहीं कई लोगों को आजीवन विकलांगता मिली है। पिंपरी चिंचवड़ पुलिस आयुक्तालय में इस तरह के हादसों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। यातायात पुलिस द्वारा हादसों को रोकने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। यातायात नियमों के साथ-साथ लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है। फिर भी हादसों में कमी नहीं दिख रही है।
वाहन चालक यातायात नियमों की अनदेखी करते हैं
शहर में बड़ी और प्रशस्त सड़कों की संख्या अधिक होने के कारण वाहनों की गति भी अधिक होती है। हालांकि, अक्सर वाहन चालक यातायात नियमों की अनदेखी करते हैं। ज्यादातर सड़क दुर्घटनाएं सिग्नल जंपिंग, विपरीत दिशा में वाहन चलाने, तेज गति से वाहन चलाने, शराब के नशे में वाहन चलाने, हेलमेट न पहनने, नो-पार्किंग में पार्किंग, रात में सड़क पर पार्किंग के कारण होती हैं। इसके अलावा नाबालिग बच्चों के दोपहिया वाहन चलाने का प्रमाण बढ़ रहा है। इन बच्चों के साथ दुर्घटनाएं होती हैं क्योंकि वे सड़क के नियमों को नहीं जानते हैं और न ही गाड़ी चलाना जानते हैं। चाकण, एमआईडीसी भोसरी, वाकड, चिखली, पिंपरी में सबसे ज्यादा घातक दुर्घटनाएं होती हैं। इसके साथ ही शहर में आए दिन छोटे-बड़े हादसे होते रहते हैं।
कई साइकिल सवारों की जान भी जा चुकी है
इस साल 7 माह में दोपहिया वाहनों के हादसों में 182 लोगों की मौत हुई जबकि 196 लोग विकलांग हुए। अध्ययन में यह भी पता चला है कि शाम 6 से सुबह 9 के बीच हादसों का प्रमाण अधिक है। यही आलम सुबह 6 से 9 के बीच का भी है। सबसे ज्यादा दोपहिया वाहन दुर्घटनाएं तलेगांव-चाकण-शिकरापुर राज्य राजमार्ग पर और पुणे-नासिक राजमार्ग पर कासारवाड़ी (नाशिक फाटा) से चाकण तक हुई हैं। पिंपरी चिंचवड़, चाकण और तलेगांव औद्योगिक क्षेत्रों के कारण इन दोनों मार्गों पर एमआईडीसी से भारी वाहनों और दोपहिया वाहनों की भारी आमद होती है। दुपहिया वाहन दुर्घटनाएं लापरवाही से वाहन चलाने, गलत तरीके से ओवरटेक करने या स्किप करने या काटने से भी हो सकती हैं। इसमें कई साइकिल सवारों की जान भी जा चुकी है।
पिंपरी चिंचवड़ शहर में 10 परिवहन विभागों के माध्यम से यातायात नियोजन किया जाता है। पिछले साल दुर्घटनाओं की संख्या कम रही क्योंकि पिछले साल पूर्ण लॉकडाउन था। हालांकि इस साल लॉकडाउन के पूरी तरह खुलने के साथ ही सड़कों पर वाहनों की संख्या में इजाफा हुआ है। इसके चलते हादसों की संख्या भी बढ़ गई है। बढ़ती जनसंख्या, वाहनों की बढ़ती संख्या, यातायात नियमों के उल्लंघन के कारण दुर्घटनाओं की संख्या में वृद्धि हो रही है।
- नंदकिशोर भोसले, सहायक पुलिस आयुक्त, यातायात विभाग, पिंपरी चिंचवड़