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    पिंपरी: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) के मुद्दे पर अहम फैसला सुनाया है। इसके बाद स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी समुदाय को आरक्षण (Reservation) देने का रास्ता साफ हो गया है। पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका (Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation) के 46 प्रभागों में नगरसेवकों (Corporators) की 139 सीटों में से 38 सीटें ओबीसी समुदाय के लिए आरक्षित होने की उम्मीद है। राज्य चुनाव विभाग ने स्पष्ट किया है कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए पहले से निर्धारित आरक्षण जारी रहेगा।

    अगर ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव होते हैं तो महानगरपालिका में सीटों के समीकरण और राजनीतिक गणना पूरी तरह से बदल जाएगी। कुल 46 वार्डों वाली महानगरपालिका के सदस्यों की कुल संख्या 139 हैं। इसमें 69 पुरुष सदस्य और 70 महिला सदस्य शामिल हैं। अनुसूचित जाति के लिए 22 सीटें हैं, जिनमें से 11 महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। अनुसूचित जनजाति के लिए तीन सीटें हैं जिनमें से 2 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। सामान्य 114 सीटें हैं जिसमें से 57 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं।

    नगरसेवकों के सीटों की संरचना भी बदल जाएगी

    अब जब ओबीसी समुदाय के राजनीतिक आरक्षण देने का रास्ता आसान हो गया है तब पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका में नगरसेवकों के सीटों की संरचना भी बदल जाएगी। 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण के अनुसार ओबीसी के लिए 38 सीटें आरक्षित की जा सकती हैं। चुनाव विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, आरक्षण में कमी की संभावना को देखते हुए यह संख्या 35 तक भी जा सकती है। कुल ओबीसी सीटों में से 50 प्रतिशत महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। 

    आरक्षण स्पष्ट होने के बाद सामान्य सीटें होंगी निर्धारित

    ओबीसी का आरक्षण स्पष्ट होने के बाद सामान्य सीटें निर्धारित की जाएगी। अतः इसलिए सामानय वर्ग में सीटों का हिसाब पूरी तरह से बदलने वाला है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राज्य चुनाव आयोग के आदेश के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। आरक्षित सीटों पर अभी टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी, यब जानकारी महानगरपालिका चुनाव विभाग के सहायक आयुक्त बालासाहेब खांडेकर ने दी है। बहरहाल ओबीसी आरक्षण शहर के कई हिस्सों में समीकरण बदलने जा रहा है।