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    पुणे: पुणे शहर (Pune City) और जिले में मीसिंग (Missing) और मर (Dead) चुके लोगों की जमीन बिक्री (Land Sale) का नया गोरखधंधा फलफूल रहा है। इसमें बदमाशों की मदद कर रहे हैं जमीन खरीद-बिक्री के एजेंट। उनकी मदद से ऐसी जमीन का पता लगाकर जमीन मालिक का फर्जी पहचान पत्र, पैनकार्ड और आधार कार्ड बनाया जाता है। उसके बाद जमीन कब्जा किया जाता है।  ऐसे रैकेट का क्राइम ब्रांच के फिरौती विरोधी दस्ते ने पर्दाफाश किया है।  इस रैकेट के 5 एजेंट सहित 7 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।  मुलशी तहसील कार्यालय में आरोपियों द्वारा एक खरीदी खत का रजिस्ट्रेशन कराने की जानकारी सामने आई है। 

    इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों के नाम कल्पेश रमेश बोहरा (42) के साथ एजेंट उमेश जगन्नाथ बोडके (47), अमोल गोविंद ब्रम्हे (58), सचिन दत्तात्रय जवलकर (41), सैयद तालीब हुसैन सैयद जामीन हुसैन (43), प्रदीप अनंत रत्नाकर (54), मोहम्मद आसिफ मोहम्मद युनूस (38) है।  इस मामले में बंडगार्डन पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया है।  

    हवाला के जरिए पैसों का लेनदेन

    पुलिस कमिश्नर को अवैध रास्ते से हवाला के जरिए पैसों के लेनदेन के लिए फर्जी डॉक्यूमेंट्स देने की जानकारी मिली थी।  इस जानकारी को गंभीरता से लेते हुए पुलिस कमिश्नर अमिताभ गुप्ता ने क्राइम ब्रांच को इस मामले का पर्दाफाश करने का निर्देश दिया था।  इसलिए पिछले कुछ दिनों से पुलिस इंस्पेक्टर अजय वाघमारे, टीम के रमेश चौधरी, अमोल आवाड, राजेंद्र लांडगे, नितिन रावल, सुरेंद्र साबले और उनकी टीम ने फर्जी पैनकार्ड, पहचान पत्र और आधार कार्ड बनवाया था।  इससे पूर्व कल्पेश बोहरा को गिरफ्तार किया गया था।  उससे पूछताछ में अन्य एजेंटों की जानकारी मिली थी।  इसके अनुसार जमीन एजेंट उमेश, अमोल, सचिन और प्रदीप को गिरफ्तार किया गया।  उनसे महत्वपूर्ण जानकारी और सबूत पुलिस को मिले हैं। 

    ऐसे चलता था रैकेट

    यह कार्रवाई सहायक पुलिस आयुक्त गजानन टोम्पे के मार्गदर्शन में सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर अजय वाघमारे और टीम के रमेश चौधरी, अमोल आवाड, राजेंद्र लांडगे, नितिन रावल, सुरेंद्र साबले व टीम ने की। आरोपी उपेक्षित जमीन की गूगल मैप और अन्य एजेंट के जरिए जानकारी प्राप्त करता था। जिस जमीन का मालिक नदारद होता या उसकी मौत हो चुकी होती थी, ऐसे जमीन के कागजात सरकारी कार्यालय से निकाल लेते थे।  इसके बाद सैयद हुसैन और मोहम्मद युनूस की मदद से जमीन मालिक का फर्जी डॉक्यूमेंट्स तैयार करते थे, जबकि कल्पेश बैंक में फर्जी व्यक्ति खडाकर जमीन मालिक के नाम पर बैंक एकाउंट ओपन कराता था। इसके बाद जमीन बेच देते थे।  आरोपियों ने इस तरह से मुलशी सहित सब रजिस्ट्रार कार्यालय में एक जमीन बिक्री का रजिस्ट्रेशन कराया था।