Tanaji Sawant

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    पिंपरी: देश और महाराष्ट्र पर एक बार फिर कोरोना संकट मंडरा रहा है। हालांकि महाराष्ट्र के 95 फीसदी नागरिकों ने कोरोना के दो डोज ले लिए हैं। 60 से 70 फीसदी नागरिकों ने बूस्टर डोज ली है। टीकाकरण (Vaccination) के कारण महाराष्ट्र (Maharashtra) के नागरिकों की रोग प्रतिरोधक क्षमता अन्य राज्यों और देशों की तुलना में बेहतर है। इसलिए घबराने की कोई बात नहीं है। नागरिकों को चाहिए कि वे बिना घबराए स्वयं कुछ प्रतिबंधों का पालन करें। एहतियात के तौर पर सामाजिक दूरी बनाए रखना और मास्क का इस्तेमाल जरूरी है। यह अपील करते हुए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. तानाजी सावंत (Tanaji Sawant) ने सभी से अपील की कि कुछ पाबंदियों का पालन कर त्योहार मनाएं।

    पिंपरी-चिंचवड के नवी सांगवी स्थित पीडब्ल्यूडी मैदान में महाराष्ट्र सरकार के स्वास्थ्य विभाग, पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका के साथ-साथ प्रतिभा महिला प्रतिष्ठान, चंद्ररंग चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से आयोजित दो दिवसीय अटल महाआरोग्य शिविर का उद्घाटन स्वास्थ्य मंत्री डॉ. सावंत ने  किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि राज्य सरकार ने महाराष्ट्र में साढ़े तीन करोड़ महिलाओं के स्वास्थ्य का डेटा तैयार किया है। अब नर्सरी से लेकर कॉलेज तक के 18 वर्ष तक के बच्चों और फिर राज्य के सभी पुरुषों का स्वास्थ्य डेटा तैयार किया जाएगा। यह सरकार सिर्फ स्वास्थ्य डेटा एकत्र करने से नहीं रुकेगी। राज्य के प्रत्येक नागरिक को मुफ्त स्वास्थ्य जांच और उपचार की सुविधा प्रदान की जाएगी। इस पहल के तहत महाराष्ट्र की 18 साल से ऊपर की 3.5 करोड़ महिलाओं का दो महीने में पूरा स्वास्थ्य डेटा तैयार किया गया है, यह एक चरण रहा है। अब उन महिलाओं को सारा इलाज मुफ्त मुहैया कराने की पहल लागू होने जा रही है। देश की आजादी और महाराष्ट्र बनने के बाद शिंदे-फडणवीस सरकार अपने राज्य के नागरिकों का इस तरह से हेल्थ कार्ड बनाने वाली पहली सरकार हैं। 

    200 मरीजों की नि:शुल्क एंजियोप्लास्टी की गई

    शिविर के आयोजक बीजेपी के चिंचवड विधानसभा चुनाव प्रमुख शंकर जगताप ने कहा कि विधायक लक्ष्मण जगताप की परिकल्पना से इस महारोग्य शिविर की शुरुआत हुई थी। इस शिविर के आयोजन का यह पांचवां वर्ष है। यह शिविर हर साल गरीबों और जमीनी नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए आयोजित किया जाता है। कोरोना संकट के चलते दो साल का गैप हो गया। इस महारोग्य शिविर में 2019 में करीब 2 लाख नागरिकों की जांच की गई थी। 31 हजार मरीजों का वास्तविक उपचार किया गया। 200 मरीजों की नि:शुल्क एंजियोप्लास्टी की गई। हम गरीब मरीजों को विभिन्न बीमारियों से ठीक करने के लिए ईमानदारी से प्रयास करते हैं। विकलांगों के लिए वर्ष में दो बार शिविर लगाकर जयपुर फीट और अन्य उपकरण नि:शुल्क वितरित किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि हम विकलांगों को उनके पैरों पर खड़ा करने का प्रयास करते हैं। आज के कैंप में 48 अस्पताल और 550 डॉक्टर और उनकी टीम है। शिविर में मानसिक स्वास्थ्य से लेकर कैंसर जैसी पुरानी बीमारी तक सभी जांच और उपचार निःशुल्क प्रदान किए जाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस शिविर के माध्यम से सरकार की सभी स्वास्थ्य योजनाओं को नागरिकों तक पहुंचाया जाएगा।

    कार्यक्रम में इनकी रही उपस्थिति  

    इस अवसर पर नारायणपूर के नारायण महाराज, पूर्व महापौर उषा ढोरे, पूर्व उपमहापौर नानी घुले, पूर्व सदन नेता नामदेव ढाके, एकनाथ पवार, प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष सदाशिव खाडे, प्रतिभा महिला प्रतिष्ठान की संस्थापिका अश्विनी जगताप, पुणे के सहधर्मादाय आयुक्त डॉ. सुधीरकुमार बुक्के, स्वास्थ्य उपनिदेशक डॉ. राधाकृष्ण पवार, कैंप के नियोजक डॉ. धर्मेंद्र कुमार, औंध ऊरो अस्पताल जिला शल्य चिकित्सक डॉ. नागनाथ यमपल्ली, हृदय प्रत्यारोपण सर्जन डॉ. मनोज दुराईराज, वायसीएम अस्पताल के अधिष्ठाता डॉ. राजेंद्र वाबले, सहायक स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. लक्ष्मण गोफणे, ह्दयरोग विशेषज्ञ डॉ. अभिजीत पलशीकर, मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल के बालरोग विशेषज्ञ पंकज सुगांवकर, सर्वोत्कृष्ट नेत्र विशेषज्ञ डॉ. विश्वास डाके, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के हेमंत हरहरे, विलासराव लांडगे, संदीप जाधव, पूर्व नगरसेविका माधवी राजापुरे, उषा मुंढे आदि उपस्थित थे।