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पुणे. सरकार ने विदेश से लौटे यात्रियों को 7 दिन तक संस्‍थात्‍मक क्‍वारंटाइन रहने की अनिवार्यता की है. इसके बावजूद संस्‍थात्‍मक क्‍वारंटाइन रहने के लिए मना करनेवाले एक यात्री के खिलाफ पुणे में मामला दर्ज किया गया है. यह यात्री यूके से लौटा है और सीधे घर चला गया. पुणे मनपा के अधिकारियों ने उसके घर जाकर समझाया और संस्‍थात्‍मक क्‍वारंटाइन के लिए कहा. मगर उसने साफ इंकार कर दिया. इसके चलते उसके खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज किया गया है.

अश्विन कुमार (31) ऐसा मामला दर्ज किये गए यात्री का नाम है. उसके खिलाफ पुणे जिला परिषद के गट विकास अधिकारी प्रशांत शिर्के के आदेश से पुणे ग्रामीण पुलिस के लोणी कालभोर पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 188, 270 आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51, महाराष्ट्र कोविड 19 विनियमन 2020 की धारा 11 व संसर्गजन्य रोग अधिनियम 1897 की धारा 2 के तहत मामला दर्ज किया गया है.इस बारे में प्रगति उल्‍हास कोरडे ने शिकायत दर्ज कराई है.

यूके से लौटा था सांरग

उपजिलाधिकारी सारंग कोडोलकर ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अश्विन कुमार 16 जून को यूके से मुंबई आये और उसके बाद परस्पर अपने घर हंडेवाडी निकल गए. पुणे महापालिका के नोडल अधिकारी अजित सणस ने घर जाकर अश्विन कुमार को समझाया और संस्थात्मक क्वारंटाइन होने के लिए कहा. हालांकि उन्होंने इसके लिए साफ मना कर दिया, जबकि 24 मई को सरकार ने विदेश से लौटनेवाले यात्रियों के लिए जारी किए गए गाइडलाइंस के तहत विदेश से लौटने वाले यात्रियों को 7 दिन तक संस्‍थात्‍मक क्‍वारंटाइन रहना बंधनकारक है.