IRCTC ने दिया यात्रियों को शानदार तोहफा,
File Photo

    Loading

    पुणे: कोरोना (Corona) के चलते बाधित बारामती-फलटण-लोणंद रेल लाइन (Baramati-Phaltan-Lonand Railway line) पर काम अब रफ्तार पकड़ चुका है। बारामती (Baramati) से फलटण (Phaltan) तक इस रूट पर 13 गांवों में जमीन अधिग्रहण (Land Acquisition) की प्रक्रिया तेज की जा रही है और यह प्रक्रिया जून के अंत तक पूरी कर ली जाएगी। भूमि अधिग्रहण कार्य को समय पर पूरा करने के लिए इस कार्य की प्रतिदिन समीक्षा करने का निर्णय डॉ. राजेश देशमुख ने लिया है।

    फलटण से लोणंद तक का काम पूरा हो चुका है। हालांकि बारामती से फलटण तक भूमि अधिग्रहण का काम अभी भी अधूरा है। इस मार्ग पर लाटे और मालवाड़ी गांवों के बीच भूमि अधिग्रहण का काम पूरा हो चुका है। शेष 13 गांवों में भूमि अधिग्रहण में तेजी लाने की योजना है।

    रोजाना हो रही है समीक्षा

    कलेक्टर डॉ. देशमुख ने कहा कि बारामती से फलटण तक की रेलवे लाइन 37.20 किलोमीटर लंबी है। 15 गांवों की जमीन पर कब्जा करना होगा। दो गांवों में भूमि अधिग्रहण का काम पूरा हो चुका है। शेष गांवों में भूमि अधिग्रहण जून के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके लिए हर शाम 6.30 बजे टेलीविजन सिस्टम के जरिए भूमि अधिग्रहण की समीक्षा की जा रही है।

    मिलेगा तत्काल मुआवजा

    डॉ. देशमुख ने कहा कि इस रेलवे लाइन के लिए 183 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण करना होगा। भूमि अधिग्रहण बातचीत करके किया जाएगा और भूमि सर्वेक्षण के प्रस्ताव और मूल्यांकन तेजी से किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण के लिए धन की कमी नहीं होगी। रेल विभाग से 115 करोड़ रुपए की धनराशि प्राप्त हो चुकी है। इसमें से फंड बैलेंस करीब 50 करोड़ रुपए है।  इसलिए भूस्वामियों को तत्काल मुआवजा दिया जाएगा।

    बारामती से फलटण रेलवे लाइन के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रतिदिन टेलीविजन प्रणाली के माध्यम से समीक्षा की जा रही है। भूमि अधिग्रहण जून के अंत तक पूरा करने की योजना है। चूंकि भूमि अधिग्रहण के लिए 50 करोड़ रुपए शेष हैं, इसलिए धन की कोई कमी नहीं होगी। इसलिए प्रशासन की मंशा है कि परियोजना का काम तत्काल पूरा किया जाए।

    -डॉ. राजेश देशमुख, कलेक्टर