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    पिंपरी: पिंपरी-चिंचवड (Pimpri-Chinchwad) के पुलिस कमिश्नर अंकुश शिंदे (Police Commissioner Ankush Shinde) के नेतृत्व में करीबन 10 दिन पहले अवैध धंधों पर छापेमारी के बाद पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। निगड़ी थाने (Nigdi Police Station) के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक के तबादले के बाद 4 कर्मचारियों को निलंबित किया गया है। अब पुनः 9 पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गाज गिरी है। लगातार जारी कार्रवाई से पुलिस बल में हड़कंप मच गया है।

    करीबन दस दिन पहले क्राइम ब्रांच की टीम ने निगडी, वाकड और देहुरोड थाना क्षेत्र में आठ जगहों पर जुआ के अड्डों पर छापेमारी की थी। इसमें 32 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।  इसके तुरंत बाद पुलिस कमिश्नर अंकुश शिंदे ने चार दिन बाद 18 नवंबर को आनन-फानन में संबंधित थाने के अधिकारियों और कर्मचारियों का तबादला कर दिया, जहां छापेमारी हुई थी। निगडी थाना के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक रंगनाथ उंडे का तबादला कंट्रोल रूम में कर दिया गया। इस कार्रवाई से महकमें में खलबली मच गई क्योंकि केवल एक ही थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक के खिलाफ कार्रवाई की गई, वाकड और देहूरोड थानों के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।

    यातायात विभाग में किया गया इनका तबादला 

    इसके साथ वाकड थाना के दो सहायक निरीक्षकों सहित 13 कर्मचारियों और देहुरोद थाना के एक सहायक निरीक्षक सहित पांच कर्मचारियों को बावधन यातायात विभाग में स्थानांतरित किया गया। उसके बाद क्षेत्र में अवैध गतिविधियों को रोकने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए निगड़ी थाना के चार कर्मचारियों को 23 नवंबर को सीधे निलंबित कर दिया गया था। इन दो बड़ी कार्रवाइयों के बाद 25 नवंबर को निगड़ी थाने के नौ कर्मचारियों का तबादला हिंजवड़ी यातायात विभाग में कर दिया गया। उनमें हवलदार दत्तात्रय बबन शिंदे, सुधाकर तुकाराम अवताडे, पुलिस नाईक शंकर भागुजी बांगर, सोमनाथ रामदास दिवटे, विजय विठ्ठलराव बोडके, भूपेंद्र खंडू चौधरी, विनोद तान्हाजी व्होनमाने, तुषार पांडुरंग गेंगजे, राहुल बाबूराव गायकवाड का समावेश है।