P. Bengal allowed net metering to individual households to promote solar energy
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    पुणे: राज्य के नक्शे में गौरवशाली और प्रगतिशील पहचान रखने वाले पुणे जिले (Pune District) के आंगनवाड़ियों (Anganwadis) को लेकर प्रशासन (Administration) उदासीन नजर आ रहा है। जिले में साढ़े तीन हजार से अधिक आंगनवाड़ियां है। इनमें से केवल पौने पांच सौ आंगनवाड़ियों में सौर ऊर्जा (Solar Energy) का प्रकाश पहुंचने की जानकारी एक इंस्पेक्शन में सामने आई है, जबकि 3 हजार 308 आंगनवाड़ियों में सौर ऊर्जा मशीन नहीं है। 

    31 आंगनवाड़ियों की सौर ऊर्जा मशीन बंद पड़ी है। ऐसे में राज्य के उपमुख्यमंत्री  अजीत पवार जिस जिले के पालकमंत्री है उस जिले के आंगनवाड़ी की यह स्थिति है।

    विभाग के काम की समीक्षा

    हाल ही में राज्य के महिला व बाल कल्याण विभाग ने जिला परिषद के महिला व बाल कल्याण विभाग के काम की समीक्षा की। इसमें जिले के आंगनवाड़ियों की स्थिति बदहाल बताई गई है। इसके विभिन्न निष्कर्षो पर इसे प्रतिशत के आधार पर अलग-अलग वर्गो में बांटा गया है। मार्च महीने में यह जानकारी संकलित की गई थी। इस दौरान आंगनवाड़ियों के प्रकार, आंगनवाड़ियों की इमारत किराये पर है क्या, आंगनवाड़ी का कंस्ट्रक्शन कच्चा है या पक्का। यहां के इमारतों की देखभाल दुरुस्ती की जरुरत है क्या। अगर है तो कितने में दुरुस्ती का काम चल रहा है और कितने में बंद है इसकी जानकारी की जांच की गई। इसमें काफी कमियां नजर आई।

    1 हजार 220 आंगनवाड़ी में अंधेरा

    जिले में 3 हजार 549 आंगनवाड़ी है। इनमें से केवल 483 आंगनवाड़ियों में सौर ऊर्जा से प्रकाश मिलता है। जबकि 1 हजार 220 आंगनवाड़ी में अंधेरा रहता है। खास बात यह है कि 3 हजार 308 आंगनवाड़ियों में सौर ऊर्जा की मशीन भी जुड़ी हुई नहीं है। 31 आंगनवाड़ियों की मशीन बंद है। फिलहाल 2 हजार 339 आंगनवाड़ियों में बिजली कनेक्शन जोड़ा गया है और वह चालू अवस्था में है।