पिंपरी: हर साल मार्च से जून की अवधि में महाराष्ट्र (Maharashtra) में तेज गर्मी के कारण विभिन्न प्रकार की बीमारियां पाई जाती हैं। फिलहाल प्रदेश भर में गर्मी बढ़ने के चलते पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका (Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation) ने नागरिकों से सावधानी बरतने की अपील की हैं। साथ ही महानगरपालिका के सभी अस्पतालों और क्लीनिकों में हीट स्ट्रोक (Heat Stroke) से संबंधित दवाएं उपलब्ध हैं, विभाग के कर्मचारी अलर्ट (Alert) पर हैं। नागरिकों को अपना और दूसरों का ख्याल रखना चाहिए, यह अपील महानगरपालिका के चिकित्सा विभाग की ओर से की गई है।
महानगरपालिका के सहायक स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी और चिकित्सा विभागप्रमुख डॉ. लक्ष्मण गोफने द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि चक्कर आना, दौरे/ऐंठन, जागने में कठिनाई, नींद से उठने में असमर्थता, अस्पष्ट भाषण/व्यवहार, तेजी से सांस लेना और हृदय गति बढ़ना, शरीर का तापमान 105F (40.5C) से ऊपर जाना, बुखार, मांसपेशियों में ऐंठन, चिड़चिड़ापन, सिरदर्द, कमजोरी, मतली और उल्टी और अत्यधिक पसीना आदि हीट वेव बीमारी के लक्षणों में शामिल हैं। हीट स्ट्रोक के मामले में निकटतम जारी विज्ञप्ति क्लिनिक या अस्पताल में तत्काल उपचार कराएं। यदि तत्काल अस्पताल जाना या ले जाना संभव न हो तो निम्नलिखित प्राथमिक उपचार दिया जाना चाहिए-
ऐसे करें उपचार
- पैरों के नीचे तकिया या ऐसी ही कोई चीज रख दें और उन्हें लेटने को कहें
- प्रभावित व्यक्ति को तुरंत घर के अंदर/छाया में लाना चाहिए
- अगर व्यक्ति जाग रहा हो तो बार-बार ठंडा पानी पिलाएं
- हवा लेने के लिए पंखे का प्रयोग करें
- संवेदनशील बनें और उनके कपड़े ढीले करें
- शरीर पर नल के पानी की रूई की पट्टी रखनी चाहिए
- उल्टी होने पर उन्हें तकिये पर रखकर सोएं, ताकि व्यक्ति का दम न घुटे
- यदि व्यक्ति बेहोश हो तो उसे कुछ भी खिलाने या पिलाने की कोशिश न करें।
ऐसे रखें ख्याल
- पर्याप्त पानी पिएं। तरल पदार्थ जैसे छाछ, नींबू पानी, नारियल पानी लें।
- सिर पर टोपी, रुमाल या छतरी का प्रयोग करना चाहिए
- खुद को सीधी धूप और गर्मी से बचाएं
- दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे के बीच घर से बाहर जाने से बचें
- धूप में न खेलें
- छोटे बच्चों को कार को अंदर बंद न करें
- धूप में शारीरिक श्रम न करें
- दोपहर 2 बजे से 4 बजे के बीच खाना न बनाएं
- धूप में बिना चप्पल या नंगे पांव न चलें
- शराब, चाय, कॉफी, अधिक चीनी और कार्बोनेटेड तरल पदार्थों से बचना चाहिए