vikarm kumar

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    पुणे: नगरसेवकों (Corporators) को पुणे महानगरपालिका (पीएमसी) प्रशासन ने जोर का झटका दिया है।  वित्तीय वर्ष के अंत में स्वीकृत और निजी क्षेत्र में किए गए कार्यों की जांच होगी। इसके आदेश पीएमसी प्रशासक विक्रम कुमार (PMC Administrator Vikram Kumar ) ने दिए। जांच (Inquiry) में पता चलने पर गलत तरीके से किए गए कार्यों के बिल मंजूर नहीं किए जाएंगे। इसकी जानकारी मनपा प्रशासक विक्रम कुमार ने दी। 

    पुणे महानगरपालिका (पीएमसी) भंग होने के बाद प्रशासक के तौर पर कामकाज संभालने के बाद विक्रम कुमार ने सबसे पहले अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की। जगह के उपयोग के सत्यापन के बाद अब प्रशासक ने पूर्व नगरसेवकों को एक और झटका दिया है।

     मतदाताओं को लुभाने आखिरी क्षणों में कार्य कराए

    पीएमसी का कार्यकाल समाप्त होने के पहले और वित्तीय वर्ष खत्म होने से पहले प्रभागों में लंबित पड़े कार्यों को पूरा करने के लिए नगरसेवकों ने खूब भागदौड़ की। कार्यों के लिए निविदा जारी करवाकर उसे स्वीकृत कराया। बाद में जैसे-तैसे कार्य शुरू भी करवाए। हर वित्तीय वर्ष के अंत में अधूरे पड़े कार्यों के लिए बिल मंजूर कराकर लेने की प्रथा पहले से ही चली आ रही है। इस साल भी कुछ नगरसेवकों ने पीएमसी चुनाव के चलते मतदाताओं को लुभाने के लिए निजी क्षेत्र में भी जमकर पीएमसी की राशि खर्च की।

    25 प्रतिशत कार्यों का निरीक्षण करेंगे क्षेत्रीय कार्यालय  

    विक्रम कुमार ने बताया कि पीएमसी के काम की जांच कराई जाएगी। क्षेत्रीय कार्यालयों को 25 प्रतिशत कार्यों का निरीक्षण करने को कहा गया है। उसके बाद अपर आयुक्त कुछ कार्यों का निरीक्षण भी करेंगे। वे स्वयं भी कुछ स्थानों पर जाकर कार्यों का निरीक्षण करेंगे। गड़बड़ पाए जाने पर बिल मंजूर नहीं किए जाएंगे।