पुणे : आबादी के एक व्यापक वर्ग को भारतीय पारंपरिक आयुर्वेद चिकित्सा प्रणाली (Indian Traditional Ayurveda) का लाभ प्रदान करने की दृष्टि से, रक्षा मंत्रालय ने 1 मई से पुणे के खड़की और देहूरोड स्थित छावनी अस्पतालों (Cantonment Hospitals) समेत देश के सभी 37 छावनी अस्पतालों में आयुर्वेद केंद्रों (Ayurveda Centers) का संचालन करने का निर्णय लिया है।
यह फैसला हाल ही में रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार और आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राकेश कोटेचा के बीच हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया। यह कदम सशस्त्र बलों के कर्मियों, उनके परिवारों और इन अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाने वाले नागरिकों सहित छावनियों के निवासियों को आयुर्वेद की अच्छी तरह से स्थापित और समय-परीक्षित उपचार उपलब्ध कराएगा।
डीजीडीई, रक्षा और आयुष मंत्रालय मिलकर करेंगे काम
इस पहल का समर्थन करने के लिए आयुष मंत्रालय इन सभी अस्पतालों को कुशल आयुष डॉक्टर और फार्मासिस्ट उपलब्ध करा रहा हैं। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि यह भी निर्णय लिया गया है कि रक्षा सम्पदा महानिदेशालय (डीजीडीई), रक्षा मंत्रालय और आयुष मंत्रालय के अधिकारी इन आयुर्वेद केंद्रों को कार्यात्मक बनाने के लिए मिलकर काम करेंगे।