amit shah poster in pune

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    पुणे: अगले साल की शुरूआत में होनेवाले पुणे महानगरपालिका चुनाव (Pune Municipal Elections) के लिए भाजपा (BJP) कार्यकर्तांओं में जान फूंकने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Minister Amit Shah) आगामी रविवार 19 दिसंबर को पुणे (Pune) दौरे पर आने वाले हैं। इस कार्यक्रम के लिए भाजपा के पुणे शहर अध्यक्ष जगदिश मुलिक (Jagdish Mullick) द्वारा बैनरबाजी की। इससे शहर भाजपा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उनके बैनर पर छत्रपति शिवाजी महाराज और डा. बाबासाहेब आंबेडकर की फोटो नहीं थी। इसे एनसीपी ने मुद्दा बना लिया है। 

    शुक्रवार को महानगरपालिका की आमसभा में विरोधी पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और मनसे की ओर से भाजपा के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया। उनका आरोप था कि जिन महापुरूषों की प्रतिमा का अनावरण होना है, उन्हीं की फोटो पोस्टर से गायब हैं। इसे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शहराध्यक्ष प्रशांत जगताप ने सदन में उठाया।

    शिवाजी महाराज और डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर का अपमान

    पुणे महानगरपालिका की मुख्य इमारत के सामने बननेवाले छत्रपति शिवाजी महाराज स्मारक का भूमिपूजन और महानगरपालिका की नई इमारत के सामने लगाए गए डा. बाबासाहेब आंबेडकर के प्रतिमा का उद्घाटन रविवार को गृहमंत्री अमित शाह के हाथों होगा। शाह के दौरे को देखते हुए शहर भाजपा की ओर से जोरदार तैयारियां शुरू है। आनेवाले महानगरपालिका चुनाव को देखते हुए भाजपा के लिए यह कार्यक्रम महत्वपूर्ण है, लेकिन उसके पहले ही भाजपा शहराध्यक्ष जगदीश मुलिक की ओर से किए गए पोस्टरबाजी से शहर भाजपा की दिक्कतें बढ़ गई हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शहर अध्यक्ष प्रशांत जगताप ने कहा कि जिनकी प्रतिमा का अनावरण होने जा रहा है, उन्हीं की फोटो पोस्टर पर नहीं है। ऐसा कर भाजपा ने शिवाजी महाराज और डा. बाबासाहेब आंबेडकर का अपमान किया है। भाजपा के पोस्टर देख के लगता है कि अमित शाह छत्रपति शिवाजी महाराज और डा. बाबासाहेब आंबेडकर से बड़े हो गए हैं।

    माफी मांगे बीजेपी 

    पुणे महानगरपालिका में विरोधी दल की नेता दीपाली धुमाल ओर मनसे के गुटनेता वसंत मोरे ने भाजपा को घेरते हुए माफी मांगने की मांग की। इसके जवाब में भाजपा के सभागृह नेता गणेश बिडकर ने कहा कि हमसे पहले जो महानगरपालिका की सत्ता पर बैठे थे, उन्हे छत्रपति शिवाजी महाराज और डा. बाबासाहेब आंबेडकर की याद नहीं आई। जब सत्ता में आने के बाद भाजपा इन महापुरुषों की प्रतिमा पालिका के इमारत में लगाने जा रही है, तब इसका स्वागत करने की बजाए विरोधी दल के लोग इसका विरोध कर रहे हैं। अगर कुछ गलतियां हुईं होंगी तो उसको सुधारा जायेगा, ऐसा आश्वासन भी बिडकर ने दिया। बाद में विरोधी दल के सभी सदस्य शांत हो गए।