Wendding Bullock Cart

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पुणे: पुणे जिले के पुरंदर तहसील (Purandar Tehsil) के निलुंज गांव (Nilunj Village) में हुई शादी (Marriage) हर तरफ चर्चा का विषय बनी हुई है, क्योंकि दूल्हा-दुल्हन (Groom- Bride) ने शादी के लिए कार या अन्य आलीशान वाहन से आए बिना बैलगाड़ी (Bullock Cart) से आना पसंद किया। सब कुछ आवश्यकतानुसार किया गया और एक बैलगाड़ी में आकर दुल्हा-दुल्हन ने हॉल में प्रवेश किया। पुरंदर तहसील में हर जगह इसकी चर्चा हो रही है। 

शादी के लिए सात-आठ बैलगाड़ियां थी। दूल्हा भी सजी-धजी बैलगाड़ी में हॉल में पहुंच गए। यह सब देखने के लिए वहां काफी भीड़ थी। कुछ लोगों ने पूरा माजरा मोबाइल में शूट कर लिया। इस शादी के कुछ वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं। दूल्हा और दुल्हन दोनों किसान परिवारों से हैं, इसलिए उन्होंने हॉल में बैलगाड़ी में जाने का फैसला किया।

वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल 

दूल्हा-दुल्हन सजी-धजी बैलगाड़ी में हॉल में प्रवेश किया। बैलगाड़ी में दुल्हन के साथ दुल्हे की एंट्री चर्चा का विषय बन गई है। सजी-धजी कार या अन्य वाहनों के बजाय बैलगाड़ी से जाने का फैसला लोगों को ज्यादा पसंद आ रहा है। हॉल में किसानों के बीच चर्चा चल रही थी कि बदलते दौर में जो पुरानी यादें मिट गई थी, वह अब सामने आ गई हैं। दुल्हा-दुल्हन के नाम पुणे के पुरंदर तहसील के निलुंज गांव के आकाश बनकर और मेघा चौरे हैं। बनकर और चौरे कृषक परिवार से हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में बैलगाड़ी का चलन बढ़ा है। लोगों ने इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है।

नवविवाहितों ने किसानों के जीवन में बैल के महत्व को समझा

बदलते दौर में मिट गई पुरानी यादें सामने आ गई हैं। निलुंज गांव के रहने वाले दूल्हा आकाश बनकर और दुल्हन मेघा चौरे बैलगाड़ी से शादी के मंडप में पहुंचे। इस मौके पर पारंपरिक तरीके से बैलगाड़ी में सवार होकर नवविवाहितों ने किसानों के जीवन में बैल के महत्व को समझा।