Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation
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    पिंपरी: पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका चुनाव (Pimpri-Chinchwad Municipal Elections) की पृष्ठभूमि में प्रशासन नए और चालू वित्त वर्ष 2022-23 का संशोधित बजट (Budget) मंगलवार (22 फरवरी) को पेश करेगा। चूंकि देनदारी अगले साल 2,500 करोड़ रुपए से अधिक हो जाएगी, ऐसे में उत्सुकता है कि इसमें कौन से नए विकास के काम (Development Work) शामिल किए जाएंगे। इस बजट ने भविष्य के नगरसेवकों (Corporators) का ध्यान आकर्षित किया है जो चुनाव में निर्वाचित होने के लिए आश्वस्त हैं।

    स्थायी समिति का कार्यकाल 28 फरवरी को समाप्त हो रहा है। इसलिए प्रशासन बजट को 15 दिन पहले पेश कर रहा है ताकि महानगरपालिका चुनाव की तैयारियों के चलते प्रशासन के बजट में देरी न हो। यह बजट महानगरपालिका कमिश्नर राजेश पाटिल स्थायी समिति के अध्यक्ष नितिन लांडगे को पेश करेंगे। 

    ऑनलाइन होगी बजट की बैठक 

    बजट की बैठक ऑनलाइन होगी। यह महानगरपालिका का 40वां, सत्तारूढ़ बीजेपी का पांचवां बजट और कमिश्नर राजेश पाटिल का दूसरा बजट होगा। आने वाले वर्ष में कोई कर या शुल्क न बढ़ाने के प्रशासन के निर्णय पर स्थायी समिति, महासभा ने मुहर लगा दी है, इसलिए बजट से टैक्स में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी।

    बजट को लेकर लोगों में उत्सुकता 

    22 फरवरी को प्रातः 10.30 बजे बजट के लिए विशेष स्थायी समिति की बैठक का आयोजन किया गया है। इस बैठक में कमिश्नर राजेश पाटिल स्थायी समिति के अध्यक्ष नितिन लांडगे को बजट पेश करेंगे। पिछले साल मूल बजट 5,588.78 करोड़ रुपए था, जबकि केंद्र सरकार की प्रायोजित योजनाओं को मिलाकर यह 7,112 करोड़ रुपए का बजट था। चुनाव की पृष्ठभूमि में इस साल कितने करोड़ का बजट होगा? यह बढ़ेगा या घटेगा, शहर के लोगों में इस बात को लेकर उत्सुकता है कि चुनाव से पहले क्या नया होगा? कोरोना ने महानगरपालिका के राजस्व को कम किया है और राजस्व पर बड़ा प्रभाव डाला है। चुनाव नजदीक आने के साथ ही देखना होगा कि बजट से नई घोषणाएं होती हैं या नहीं। 

    आगामी बजट की तैयारी पूरी कर ली गई: जितेंद्र कोलाम्बे 

    महानगरपालिका के मुख्य लेखा अधिकारी जितेंद्र कोलाम्बे ने कहा कि आगामी बजट की तैयारी पूरी कर ली गई है। बजट पुस्तिका के मुद्रण का काम अंतिम चरण में है। कोरोना ने दो साल में गृहस्वामी की अपेक्षित वसूली हासिल नहीं की है।  इससे आय में घाटा हुआ है। एक ओर जहां राजस्व पक्ष कमजोर था, वहीं बड़ी संख्या में विकास कार्यों को मंजूरी दी गई। इसमें अधिकांश सड़क कार्य के साथ-साथ जलापूर्ति कार्य भी शामिल हैं। इसलिए अगले साल की देनदारी 2800 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी।

    कम आय और अधिक खर्च!

    1 अप्रैल 2022 से 31 जनवरी 2022 तक 1686 करोड़ 56 लाख जीएसटी, 302 करोड़ 97 लाख संपत्ति कर से, 62 करोड़ 8 लाख लेखा विभाग से, 775 करोड़ 22 लाख भवन अनुज्ञापत्र से, 12 करोड़ 23 लाख पूंजी जमा से, 54 जलापूर्ति विभाग की ओर से करोड़ 16 लाख और अन्य विभागों से 92 करोड़ 83 लाख 2 हजार 986 करोड़ 7 लाख महानगरपालिका के कोषागार में जमा हुए हैं। इसके विपरीत राजस्व और पूंजीगत कार्य पर 3,194 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। चालू वित्त वर्ष के दस माह में महानगरपालिका को 2,986 करोड़ 7 लाख रुपए की आय हुई। इस तरह 3,194 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। कुल मिलाकर आमदनी कम और खर्चा ज्यादा, कुछ ऐसी तस्वीर है।