MLA Anna Bansode

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    पिंपरी : पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका (Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation) की ओर से कासारवाड़ी में इंडिया क्लॉथ से लेकर शंकरवाड़ी तक के सभी दुकानदारों (Shopkeepers) को नोटिस (Notice) भेजकर महानगरपालिका को जमीन देने के आदेश दिए हैं। बदले में उन्हें उचित मुआवजा (Compensation) देने की भूमिका भी प्रशासन ने अपनाई है। हालांकि स्थानीय लोगों (Local People) और व्यवसायियों (Businessmen) द्वारा उनका विरोध किया जा रहा है। व्यवसाय करने में व्यापारी इस प्रकार सहयोग करेंगे कि यातायात बाधित न हो। हालांकि राष्ट्रवादी कांग्रेस के विधायक अण्णा बनसोड़े (MLA Anna Bansode) ने महानगरपालिका को सूचना दी है कि स्थानीय लोगों की रोजी-रोटी (Livelihood) पर बुलडोजर फिराने जैसा कोई के आधार पर फैसला नहीं लिया जाये। 

    महानगरपालिका द्वारा नोटिस जारी किए जाने के बाद कासारवाड़ी के चिंतित व्यापारियों ने विधायक बनसोडे के नेतृत्व में महानगरपालिका कमिश्नर राजेश पाटिल (Commissioner Rajesh Patil) से मुलाकात की। इसमें विधायक ने प्रशासन को उक्त सूचना दी है। इस पर कमिश्नर ने भी सकारात्मक रवैया अपनाने का भरोसा दिलाये जाने की जानकारी विधायक बनसोडे ने दी है। कमिश्नर के साथ हुई इस बैठक में राष्ट्रवादी काँग्रेस के शहर अध्यक्ष अजित गव्हाणे, भूतपूर्व नगरसेवक डब्बू आसवानी, सुरेखा लांडगे, प्रसाद शेट्टी, पवना सहकारी बैंक के निदेशक जितेंद्र लांडगे, भाऊसाहेब लांडगे, रतन लांडगे, सामाजिक कार्यकर्ता सतीश लांडगे के साथ अन्य व्यापारी व स्थानीय नागरिक उपस्थित थे।

    विधायक बनसोड़े ने कहा कि कासारवाड़ी में जेआरडी टाटा फ्लाईओवर पिंपरी-चिंचवड़ शहर की शोभा बढ़ाता है। इसके लिए कासारवाड़ी के स्थानीय नागरिकों ने महानगरपालिका का सहयोग कर शहर के विकास कार्यों को बढ़ावा दिया था। नतीजतन, स्थानीय लोगों के पास बहुत कम जमीन बची है। स्थानीय लोग दुकानों को किराए पर देकर जीवन यापन कर रहे हैं। हालांकि, पिछले कुछ दिनों में महानगरपालिका ने इंडिया क्लॉथ से लेकर शंकरवाड़ी तक सभी दुकानदारों को नोटिस भेजा है। कमिश्नर राजेश पाटिल ने स्टैंड लिया है, कि उनकी भूमि निगम को दी जानी चाहिए और बदले में उन्हें उचित मुआवजा और टीडीआर दिया जाएगा। यह सही नहीं है। व्यापारी व्यवसाय करने में इस प्रकार सहयोग करेंगे कि यातायात बाधित न हो लेकिन हमें ऐसे फैसले नहीं करने चाहिए कि उससे स्थानीय लोगों की रोजी-रोटी पर असर पड़ेगा। प्रशासन-स्थानीय-व्यापारी एक-दूसरे पर भरोसा करेंगे और किसी के अधिकारों से समझौता किए बिना सहयोग करेंगे।