– मनपा प्रशासन ने विभागों को जारी किए निर्देश
पुणे. महापालिका के माध्यम से शहर के विकास साथ ही सामग्री खरीदी के लिए मुहैया किए जानेवाली टेंडर प्रक्रिया राज्य सरकार के महाटेंडर पोर्टल पर मुहैया की जा रही है. इस वजह से टेंडर प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर निकोप स्पर्धा होकर साथ ही इसमें पारदर्शिता भी आ रही है.
सरकार के निर्णय के बाद अब महापालिका ने इस पर अमल करना शुरू किया है. लेकिन टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद विभिन्न विभागों द्वारा ठेकेदारों की अनामत राशि वापस नहीं की जा रही है. इसको लेकर ठेकेदारों ने शिकायत की है. इस वजह से यह राशि तत्काल देने के निर्देश टेंडर विभाग द्वारा सभी विभागों से दिए गए है.
ज्यादा से ज्यादा ठेकेदारों का मिल रहा प्रतिसाद
ज्ञात हो कि महापालिका के टेंडर प्रक्रिया के लिए एक स्वतंत्र कक्ष बनाया गया है. इस कक्ष के माध्यम से एक निजी कंपनी द्वारा मनपा की ओर से ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया मुहैया की जाती है. इस कंपनी के लिए आवश्यक सभी यंत्रणा महापालिका की ओर से उपलब्ध कराके दी गयी है. टेंडर में सहभागी होनेवाले ठेकेदारों से प्रत्येकी 200 रुपए का शुल्क लिया जाता है. हर साल महापालिका की ओर से हजारो टेंडर प्रक्रिया लागू की जाती है. इससे मनपा को आय मिल जाती है, लेकिन इसमें ज्यादा ठेकेदार सहभागी नहीं हो पाते. चंद ही कंपनियां इसमें सहभाग जताती है. साथ ही इसमें पारदर्शिता भी नहीं रहती. इस वजह से अब महापालिका ने भी राज्य सरकार के महाटेंडर पोर्टल के माध्यम से टेंडर प्रक्रिया लागू करने का फैसला लिया है. महापालिका प्रशासन की ओर से अपने कर्मियों को इसके लिए प्रशिक्षण भी दिया गया है. इसके अनुसार अब ठेकेदारों का प्रतिसाद मनपा को मिल रहा है.
टेंडर रखे जा रहे लंबित
सरकार के निर्णय के बाद अब महापालिका ने इस पर अमल करना शुरू किया है, लेकिन टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद विभिन्न विभागों द्वारा ठेकेदारों की अनामत राशि वापस नहीं की जा रही है. इसको लेकर ठेकेदारों ने शिकायत की है. साथ ही कई विभागों द्वारा टेंडर लंबित रखे जा रहे है. इससे भ्रम पैदा हो रहा है. इस वजह से जिन ठेकेदारों की प्रक्रिया पूरी हुई है उन्हें यह राशि तत्काल देने के निर्देश टेंडर विभाग प्रमुख राहूल जगताप द्वारा सभी विभागों से दिए गए है.