पुणे: ड्रेनेज लाइन के काम के बिलों की मंजूरी (Clearance of Bills) के लिए ठेकेदार (Contractor) से 15 हजार रुपए की रिश्वत (Bribery) लेते पकड़े गए सहायक आयुक्त के घर पर एंटी करप्शन ब्यूरो (Anti Corruption Bureau) द्वारा ली गई तलाशी में 9 लाख 73 हजार रुपए कैश मिला है। ये पैसे कहां से आए इसका ब्यौरा नहीं दे पाने की वजह से पुलिस (Police) ने यह रकम जब्त कर ली है।
इस मामले में सोमवार की रात सहायक आयुक्त सचिन चंद्रकांत तामखेडे (34), जूनियर इंजीनियर अनंत रामाभाऊ ठोक (52) और क्लर्क दत्तात्रय मुरलीधर किंदरे (47) को एसीबी ने गिरफ्तार किया था। सभी को बुधवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां सभी को 4 दिन के लिए पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है।
25 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी
शिकायतकर्ता ठेकेदार को कोथरूड़ में ड्रेनेज लाइन डालने का काम मिला था। इन कार्यों का बिल कोथरूड़ के क्षेत्रीय कार्यालय में जमा किया था। इस बिल को मंजूरी दिलाने के लिए कॉन्ट्रैक्टर ने सहायक आयुक्त तामखेडे से मुलाकात की। उस दौरान उनसे 25 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। समझौते के आधार पर मामला 15 हजार रुपए में तय हुआ। शिकायतकर्ता ने एसीबी से इसकी शिकायत कर दी। इसके आधार पर सोमवार को कोथरुड़ क्षेत्रीय कार्यालय में जाल बिछाया गया था। शिकायकर्ता तामखेडे को रिश्वत की रकम जूनियर इंजीनियर ठोक को देने के लिए कहा गया।
पुलिस ने कैश को किया जप्त
ठोक ने यह रकम क्लर्क किंडरे को देने के लिए कहा। इसके आधार पर शिकायतकर्ता से 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते किंडरे और अन्य दो को पकड़ लिया गया। इसके बाद तीनों के घरों पर छापा मारा गया। इसमें तामखेडे के घर से 9 लाख 73 हजार रुपए का कैश जब्त किया गया। इसका कोई ब्यौरा तामखेडे नहीं दे पाए इसलिए पुलिस ने यह रकम जब्त कर ली।