Ramdas Athawale
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    पुणे : शिवसेना पार्टी (Shiv Sena Party) और सिंबल (Symbol) मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde) के गुट को मिला है। केंद्रीय चुनाव आयोग (Central Election Commission) ने जनप्रतिनिधियों का बहुमत देखकर ही मेरिट (Merit) के आधार पर यह फैसला दिया है। इस फैसले के बाद अगर उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) कोर्ट भी जाते हैं, वहां भी उनके पक्ष में नतीजा नहीं निकलेगा, उन्हें जनता की अदालत में जाना चाहिए, ऐसी सलाह केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले (Union Minister Ramdas Athawale) ने दी। 

    कसबा विधानसभा क्षेत्र उपचुनाव में  बीजेपी के प्रत्याशी हेमंत रासने के प्रचार के लिए पदयात्रा का आयोजन किया गया। इसमें हिस्सा लेने से पहले आठवले ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी की स्थिति पेश की। आठवले ने आगे कहा की, बीजेपी भारत के संविधान को खतरे में डाल रही है, ऐसा कांग्रेस प्रचार कर रही है। लेकिन, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा लिखा गया यह संविधान मजबूत है और इसे कोई नहीं बदल सकता, ऐसा आठवले ने कहा।  

    वंचित और उद्धव ठाकरे कब तक साथ रहेंगे बता नहीं सकते: आठवले 

    शिवसेना पार्टी और धनुषबाण सिंबल को मुख्यमंत्री शिंदे गुट को देने का फैसला लोकतंत्र का सम्मान करने वाला है। अगर उन्होंने 2019 में बीजेपी से गठबंधन नहीं तोड़ा होता, तो आज ऐसा समय नहीं आता, ऐसा आठवले ने कहा। साथ ही वंचित बहुजन आघाड़ी और उद्धव ठाकरे कब तक साथ रहेंगे, यह बता नहीं सकते, ऐसा आठवले ने कहा। 

    कसबा की लड़ाई कठीन नहीं होगी: आठवले 

    राज्य और केंद्र में बीजेपी और साथी सहयोगियों के काम के कारण ही रासने की जीत निश्चित है, ऐसा विश्वास आठवले ने व्यक्त किया। साथ ही कसबा विधानसभा क्षेत्र का उपचुनाव कठिन लड़ाई नहीं होगी। मनसे ने जो समर्थन किया हैं, उसके लिए मैं राज ठाकरे को धन्यवाद देता हूं, ऐसा आठवले ने कहा।  रासने के प्रचार के लिए आरपीआई (आठवले ग्रुप) की ओर से मोटरसाइकिल रैली का आयोजन किया गया। आठवले की मौजूदगी में शुरू हुई रैली दांडेकर पुल से शुरू होकर दत्तवाडी, मांगीरबाबा चौक से साने गुरुजी वसाहत से होकर कसबा पेठ क्षेत्र के कागदीपुरा में समाप्त हुई।