Mobile Tower
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    पिंपरी : नगर निगम (Municipal Corporation), नगर परिषद (City Council) की सीमाओं (Borders) के भीतर मोबाइल टावरों (Mobile Towers) पर लगने वाले संपत्ति कर में एकरूपता और सामंजस्य लाने के उपाय करने का फैसला राज्य सरकार ने किया है। इसके लिए प्रमुख सचिव, शहरी विकास विभाग की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है। राज्य के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिए गये निर्णय के अनुसार विभिन्न नगर पालिका और नगर परिषद सीमाओं में मोबाइल टावरों पर लगने वाला संपत्ति कर अलग-अलग है। इसमें एक समानता लाने और अवैध टॉवर अधिकृत करने की कार्य पद्धति तय करने के लिए शासन स्तर पर समिति गठित करने का मामला शासन के विचाराधीन था। तद्नुसार उपाय सुझाने के लिए एक समिति गठित करने की स्वीकृति प्रदान की गई है।

    नगर विकास विभाग (2) के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में गठित इस समिति में सदस्य के रुप मे राजस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव के प्रतिनिधि, ग्राम विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव के प्रतिनिधि, सूचना और तकनीक विभाग के प्रधान सचिव के प्रतिनिधि, नगर विकास विभाग (1) के प्रधान सचिव के प्रतिनिधि, लोकनिर्माण विभाग के सचिव के प्रतिनिधि, टेलीकॉम कंपनियों के विशेष निमंत्रित प्रतिनिधि की नियुक्ति की गई है। वहीं समिति के सदस्य सचिव के रूप में नगरपरिषद प्रशासन निदेशालय के आयुक्त और निदेशक की नियुक्ति की गई है।

    30 दिनों के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी

    राज्य सरकार द्वारा गठित यह समिति ऐसे फील्ड अधिकारियों और अन्य व्यक्तियों को, जो चर्चा के लिए आवश्यक हो, आमंत्रित कर सकती है। समिति को राज्य में मोबाइल टावरों पर लगाए गए आयकर में सूत्रीकरण करने के साथ-साथ पिछले बकाया की समीक्षा करने, अवैध मोबाइल टावरों को अधिकृत करने की प्रक्रिया और उसकी अवधि तय करने, एक्सेस शुल्क पर दिशानिर्देश तय करने और बहाली शुल्क तय करने का काम सौंपा जाएगा। समिति द्वारा इस संबंध में उपाय सुझाए जाने के बाद 30 दिनों के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी। बहरहाल इस समिति के गठन के बाद पुणे, पिंपरी चिंचवड समेत समस्त राज्यभर में अवैध मोबाइल टॉवर्स का मसला हल होने की उम्मीद जताई जा रही है।