seema savle

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पिंपरी: बढ़ती गर्मी को देखते हुए स्थायी समिति की पूर्व अध्यक्ष सीमा सावले (Seema Savle) ने पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका (Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation) की सीमा के भीतर अस्पतालों (Hospitals) और अन्य प्रतिष्ठानों और औद्योगिक कंपनियों के तत्काल फायर ऑडिट (Fire Audit) यानी अग्नि लेखापरीक्षा की मांग की है। उन्होंने इस संबंध में महानगरपालिका कमिश्नर शेखर सिंह (PCMC Commissioner Shekhar Singh) को लिखित ज्ञापन दिया है।

ज्ञापन में कहा गया है कि मार्च के महीने से ही भीषण गर्मी बढ़ने लगी है। ऐसे में आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती हैं। पिछले कुछ सालों में पिंपरी-चिंचवड शहर सहित राज्य और देश भर में आग लगने की कई गंभीर घटनाएं हुई हैं। इन घटनाओं में बड़ी मात्रा में जान-माल का नुकसान हुआ है। कोरोना काल में निजी और सरकारी अस्पतालों में भी आग लगने की घटनाएं हुईं। भंडारा जिले में 10 नवजात शिशुओं की मौत ने पूरे महाराष्ट्र को झकझोर कर रख दिया था। मुंब्रा के प्राइम क्रिटिकल केयर अस्पताल के आईसीयू में आग लगने से मरीज की मौत हो गई।  पिंपरी-चिंचवड इलाके के औद्योगिक इलाके में आग लगने की घटनाएं हुई हैं।

फायर ब्रिगेड की ओर से मॉक ड्रिल का भी हो आयोजन 

सीमा सावले ने प्रशासन को बताया कि महाराष्ट्र फायर प्रिवेंशन एंड लाइफ प्रोटेक्शन मेजर्स एक्ट 2006 और रूल्स 2009 के अनुसार, हर छह महीने यानी जनवरी और जुलाई के महीनों में फायर प्रिवेंशन सेफ्टी सिस्टम अच्छी स्थिति में होने का सर्टिफिकेट (फायर ऑडिट) हासिल करना अनिवार्य है। बढ़ती गर्मी को देखते हुए शहर के अस्पतालों, अन्य प्रतिष्ठानों और औद्योगिक कंपनियों में आग लगने की घटनाओं से निपटने के लिए विभिन्न प्रतिष्ठानों द्वारा स्थापित अग्निशामक यंत्रणा की जांच की जानी चाहिए। कुछ महत्वपूर्ण स्थानों पर फायर ब्रिगेड की ओर से मॉक ड्रिल भी की जाए, यह मांग भी उन्होंने की है।