Gopal Tiwari Congress pune

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    पुणे: देश में विभिन्न बुनियादी सुविधाओं और निर्माण क्षेत्र में कार्यरत दूसरे राज्यों के प्रवासी मजदूरों (Migrant Laborers) को कोरोना महामारी (Corona Pandemic) और लॉकडाउन (Lockdown) की स्थिति में रोजगार और अपने परिजनों से वंचित रखते हुए भूख से मरने के लिए छोड़ देना चाहिए था क्या, ऐसा तीखा सवाल महाराष्ट्र कांग्रेस के राज्य प्रवक्ता और राजीव गांधी स्मारक समिति के अध्यक्ष गोपाल तिवारी (Gopal Tiwari) ने पूछा है।

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संसद में भाषण देते हुए देश में लॉकडाउन के दौरान कांग्रेस द्वारा मजदूरों को अपने गांव पहुंचाने के चलते ही कोरोना का प्रसार हुआ, ऐसा आरोप लगाया था। प्रधानमंत्री के इन आरोपों पर गोपाल तिवारी ने अपनी विज्ञप्ति में जोरदार तंज कसा।

    प्रधानमंत्री मोदी बेवजह कांग्रेस पर आरोप लगा रहे 

    गोपाल तिवारी ने कहा कि अपने काम से देश का विकास करने और जीडीपी को बढ़ाने में विफल रहे प्रधानमंत्री बेवजह कांग्रेस पर आरोप लगा रहे है। केंद्र सरकार क्या अब प्रति व्यक्ति आय को देश में व्यक्तियों की संख्या कम कर बढ़ाएगी क्या? वास्तविक स्थिति में कोरोनाकाल में भी केंद्र ने महाराष्ट्र का जीएसटी राजस्व बकाया रखा। दूसरी ओर कांग्रेस की ओर से मजदूरों के खातों में 6 हजार रुपए भेजने की मांग बार-बार की गई थी, लेकिन इस मांग की ओर मोदी सरकार ने साफ तौर पर अनदेखी की। मजदूरों को पैसों की मदद करने की बजाय लॉकडाउन में उन्हें अपने घरों में कैद होने को केंद्र ने मजबूर किया। यह नीति केंद्र की अमानवीयता को दर्शाती है।

    ‘नमस्ते ट्रम्प’ कार्यक्रम से ही कोरोना प्रसार शुरू हुआ था

    तिवारी ने कहा कि कांग्रेस ने आगे आकर मजदूरों को मदद दी और उन्हें अपने घर लौटने के लिए टिकटें उपलब्ध कराई। कांग्रेस की इस मदद पर अपनी झल्लाहट निकालने के लिए नरेंद्र मोदी कांग्रेस पर कोरोना फैलाने के अनर्गल आरोप कर रहे हैं। वास्तविकता में ‘नमस्ते ट्रम्प’ कार्यक्रम से ही कोरोना प्रसार शुरू हुआ था। 

    मजदूरों की मदद के लिए कांग्रेस आगे आई 

    गोपाल तिवारी ने आरोप लगाते हुए कहा कि कोई भी नियोजन ना करते हुए केंद्र सरकार ने उस समय लॉकडाउन लगाया और मजदूरों को समस्याओं की खाई में धकेल दिया। हजारो मजदूरों को पैदल अपने घर जाने पर केंद्र सरकार ने मजबूर किया। ऐसी स्थिति में मजदूरों की मदद के लिए कांग्रेस आगे आई और मानवतावादी दृष्टिकोण रखकर मजदूरों को अपने गांव रेल से पहुंचाने में मदद दी। यही बात भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी को नागंवार गुजरी, जिससे उनकी झल्लाहट सामने आ रही है।