Rahul Kalte

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    पिंपरी:  पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका (Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation) की शिक्षा समिति (Education Committee) मनमाने ढंग से चल रही है। यहां सत्तादल भाजपा (‍BJP) द्वारा जनता के पैसे का गलत तरीके से दुरुपयोग कर ठेकेदारों के हित में नीति लागू की जा रही है। हम महानगरपालिका के स्कूलों में छात्रों की मदद करने के विरोध में नहीं थे और न ही हैं, हालांकि ठेकेदारों की जेबें भरने और बच्चों को स्कूली सामग्री उपलब्ध कराने के नाम पर जनता के पैसे लूटने का कड़ा विरोध हो रहा है। इसलिए अब जब वास्तविक स्कूल (School) शुरू हो रहा है, तब टैब (Tab) की खरीद के संबंध में सही निर्णय लिया जाना चाहिए, यह मांग शिवसेना (Shiv Sena) के गुटनेता राहुल कलाटे (Rahul Kalate) ने की है।

    इस संबंध में महानगरपालिका कमिश्नर राजेश पाटिल को सौंपे ज्ञापन में शिवसेना गुटनेता कलाटे ने कहा कि कोरोना के मामलों में कमी आई है और अब अगले महीने स्कूल शुरू करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। तभी टैब खरीदने की चर्चा शुरू हो गई। वास्तव में यह केवल 2019-20 में था कि टैब देना था। कोरोना काल में स्कूली पढ़ाई ऑनलाइन हो गई थी। यदि उस समय इस टैब का उपयोग किया जाता था, तो ठीक था। हालांकि, अब जब स्कूल शुरू हो रहा है तब टैब की खरीद की योजना बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षा समिति छात्रों की वास्तविक संख्या के बारे में पूछताछ करने के बाद भी जानकारी नहीं देती है। साथ ही महानगरपालिका के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे गरीब परिवारों और प्रतिकूल परिस्थितियों से आते हैं। 

    जनता के पैसे लूटने का विरोध 

    शिक्षा समिति ने पिछले 2 वर्षों में यह भी जांच नहीं की है कि उनके पास ऑनलाइन शिक्षा के लिए इंटरनेट की सुविधा है या नहीं। हम महानगरपालिका के छात्रों की मदद करने के खिलाफ नहीं थे और न ही करेंगे, लेकिन वह ठेकेदारों की जेबें भरने और बच्चों को सामग्री देने के नाम पर जनता के पैसे लूटने का विरोध कर रहे हैं। इसलिए टैब खरीदते समय आपको शहर और छात्रों के हित को ध्यान में रखते हुए सही निर्णय लेना चाहिए।