PREGNANT
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    पुणे: पुणे शहर (Pune City) की गर्भवती महिलाओं (Pregnant Women) के लिए कोरोना (Corona) काल बन कर आया। इस दौरान प्रसूति के बाद केवल कुछ समय में ही नई मां बनी महिलाओं की मौत (Death) हो गई। इसकी मुख्य वजह कोरोना बताई गई। पिछले वर्ष जनवरी से लेकर अप्रैल तक कोरोना की वजह से 31 प्रतिशत माताओं की मौत हो गई। शहर में पिछले दस महीने में 96 माताओं की मौत हुई। इनमें से 83 मौत के कारणों का विश्लेषण किया गया है। इसमें चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है।

    माताओं की मौत सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक संवेदनशील मुद्दा है। कोरोना का स्वास्थ्य के सभी पहलुओं पर दूरगामी परिणाम हुआ है। इन माताओं की मौत की जानकारी सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र के विशेषज्ञों ने दी है।

    31 फीसदी मौत कोरोना से

    शहर में अप्रैल 2021 से जनवरी 2022 के बीच हुई 83 मौत में से 31 फीसदी से अधिक मौत कोरोना की वजह से हुई है। साथ ही 19 फीसदी माताओं के मौत अन्य मेडिकल वजहों से हुई। इसके अलावा 13 फीसदी माताओं की मौत स्पेप्सिस की वजह से होने की जानकारी विश्लेषण में सामने आई है। गर्भधारण, प्रसूति में या प्रसूति के बाद 42 दिनों के अंदर संबंधित कारणों की वजह से माताओं की मौत मानी जाती है।

    जानलेवा साबित हुआ डेल्टा  

    गर्भवतियों में संक्रमण की संख्या अन्य किसी भी व्यक्ति की तुलना में अधिक नहीं है, लेकिन इसका उपचार अलग होता है। अन्य मरीजों की तरह कोरोना की दवा नहीं दी जाती है। कोरोना प्रतिबंधित वैक्सीन की भी मर्यादा है। शहर में पिछले वर्ष फरवरी से कोरोना के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी। यह कोरोना की दूसरी लहर मानी गई। इसमें कोरोना संक्रमण का डेल्टा वैरिएंट की संख्या सर्वाधिक है। इनमें सबसे अधिक माताओं की मौत हुई। प्राइवेट हॉस्पिटल के साथ सार्वजनिक हॉस्पिटल में भी माताओं की मौत हुई। कुल 42 मरीज पुणे शहर के थे। 27 मरीज शहर के बाहर लेकिन जिले की सीमा से उपचार के लिए पुणे आए थे।