Pune court frames charges against five accused in Narendra Dabholkar murder case
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    मुंबई: अंधविश्वास उन्मूलन समिति के कार्यकारी अध्यक्ष रहे नरेंद्र दाभोलकर (Narendra Dabholkar) की हत्या के मामले की सुनवाई अगले तीन महीनों में पूरी होने की संभावना है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने मंगलवार को बांबे हाई कोर्ट (Bombay High Court) यह जानकारी दी।

    सीबीआई ने आरोपियों में से एक की जमानत याचिका का विरोध भी किया। आरोपी वीरेंद्र सिंह तावड़े ने सुनवाई में देरी के आधार पर जमानत मांगी थी। उसे इस मामले में 2016 में गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता संदेश पाटिल ने न्यायमूर्ति ए.एस. गडकरी और न्यायमूर्ति पी.डी. नाइक की खंडपीठ को बताया कि पुणे में निचली अदालत ने अब तक 15 गवाहों के बयान दर्ज कर लिए हैं।

    सिर्फ सात से आठ गवाह बचे

    पाटिल ने कहा कि सिर्फ सात से आठ गवाह बचे हैं। उन्होंने वहां मामले के विशेष लोक अभियोजक से बात की है, उन्होंने कहा कि अगली सुनवाई तेजी से की जाती है, तो इसे दो से तीन महीनों में पूरा किया जा सकता है। पीठ ने पूछा कि अदालत जिन गवाहों के बयान सुन चुकी है, क्या उनमें से कोई मुकरा है? पाटिल ने कहा कि ऐसा नहीं हुआ है। अदालत ने तब तावड़े के वकील वीरेंद्र इचलकरंजीकर से पूछा कि क्या वह कुछ और महीने इंतजार करने को तैयार हैं?

    21 फरवरी को मामले की अगली सुनवाई

    वकील ने अदालत से गुण-दोष के आधार पर जमानत याचिका पर फैसला करने की मांग करते हुए कहा कि तावड़े सात साल से सलाखों के पीछे है। इचलकरंजीकर ने कहा कि तावड़े के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं हैं। अदालत ने इस मामले में आगे की सुनवाई के लिए 21 फरवरी की तारीख तय की। 67 वर्षीय नरेंद्र दाभोलकर की 20 अगस्त 2013 को पुणे में हत्या कर दी गई थी।