Deccan Queen

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    पुणे: पुणे-मुंबई (Pune-Mumbai) के बीच सफर करने वाले यात्रियों की लोकप्रिय ट्रेन डेक्कन क्वीन (Deccan Queen) के 92 वर्ष पूरे (92 Years Completes) हो चुके है। इस मौके पर पुणे रेलवे स्टेशन (Pune Railway Station) में केक काटकर जन्मदिन मनाया गया। इस दौरान इंजन की पूजा की गई। साथ ही ड्राइवर को सम्मानित किया गया। विधान परिषद के उपसभापति डॉ. नीलम गोर्हे, अभिनेत्री नेहा हिंगे, रेलवे प्रवासी संघ की अध्यक्षा हर्षा शाह, पुणे स्टेशन के संचालक एस. सी. जैन के साथ रेलवे के अधिकारी, कर्मचारी और यात्री इस मौके पर उपस्थित थे।

    1 जून 1990 को महाराष्ट्र के दो प्रमुख शहरों में डेक्कन क्वीन की शुरुआत मध्य रेलवे के अग्रदूत रहे ग्रेट इंडियन पेनिन्सुला रेलवे के इतिहास का एक महत्वपूर्ण पड़ाव था। इस प्रदेश के 2 महत्वपूर्ण शहरों को सेवा देने के लिए रेलवे द्वारा शुरू की गई यह पहली डिलक्स ट्रेन थी और उसे पुणे का नाम दिया गया था। जिसे बाद में डेक्कन क्वीन कहा गया।

    17 डब्बे तक बढ़ाए गए

    शुरुआत में यह ट्रेन 7-7 डिब्बो की और 2 रेक के साथ चलाई गई थी। इनमें से एक स्कार्लेट मोडलिंग सहित चंदेरी और दूसरी सुनहरी रेखा के साथ ब्लू रंग का था। मूल रेक के डब्बे के साथ अंडर फ्रेम्स इंग्लैंड में तैयार किया गया था जबकि कोच की बॉडी जीआईपी रेलवे के माटुंगा वर्कशॉप में बनाया गया था। डेक्कन क्वीन में शुरुआत में केवल फर्स्ट क्लास और सेकंड क्लास की सुविधा थी। 1 जनवरी 1949 को फर्स्ट क्लास को रद्द कर दिया गया और सेकंड क्लास को फर्स्ट क्लास के रूप में फिर से बनाया गया। यह जून 1955 तक चला जब इस ट्रेन में पहली बार तृतीय श्रेणी को शुरू किया गया। 1974 से सेकंड क्लास के रूप में फिर से शुरू किया गया।

    आरामदायी सेवा के लिए किया गया बदलाव

    मूल रेक के डब्बे 1966 में इंट्रीग्रल कोच फैक्टरी, पेरांबूर में बनाए गए एंटी टेलीस्कोपिक स्टील बॉडी के इंटीग्रल कोच में बदलाव किया गया। इन डिब्बों में अच्छी यात्रा के लिए बोगी के संशोधित डिजाइन और अंदर की सजावट और फिटिंग्ज में सुधार शामिल किया गया है। क्षमता बढ़ाने के लिए रेक के डिब्बों की संख्या भी मूल 7 डिब्बों से बढ़ाकर 12 कर दिया गया था। बाद के दिनों में ट्रेन के डिब्बों की संख्या 17 तक बढ़ा दिया गया।