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    पुणे : बीते कुछ दिनों में पुणे (Pune) के सड़कों पर वाहनों (Vehicles) की यातायात बढ़ने के कारण पुणे की हवा के गुणवत्ता (Air Quality) स्तर में गिरावट आई है। सफर-आईआईटीएम संस्था ने किए सर्वे (Survey) में पता चला कि शहर की आबोहवा का स्तर अब ‘उत्तम’ से ‘संतोषजनक’ की स्थिति तक नीचे आ गया है।

    गौरतलब है कि दूसरी लहर के बाद लगे लॉकडाउन (Lockdonw) के कारण शहर में सख्त प्रतिबंध (Strict Restrictions) लगाए गए थे, जिससे लोग घरों के बाहर कम निकलते थे और सड़कों पर यातायात काफी कम हो गई थी। इस स्थिति में शहर की आबोहवा में काफी सुधार हुआ था। इस स्थिति में लोगों को भी काफी राहत महसूस हो रही थी। साथ में अगस्त-सितंबर के महीने में बारिश भी काफी हो रही थी, जिससे वातावरण में घुले हुए प्रदूषक काफी कम हुए थे, जिससे हवा स्वच्छ हुई थी।

    अनलॉक से यातायात में हुई वृद्धि

    पिछले कुछ दिनों से कोरोना के नए मरीजों और कोरोना के कारण होने वाली मौतों के आंकड़ों में भारी कमी आई है। इस स्थिति में शहर में शहर में लॉकडाउन में ढील दी जा रही है, जिससे सड़कों पर यातायात में काफी बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा त्योहारों के चलते लोग विभिन्न तरह की खरीददारी करने के लिए भी बड़ी तादाद में बाहर निकल रहे हैं। ऐसे में वाहनों की यातायात बढ़ने से शहर की हवा में घुलने वाले प्रदूषण की मात्रा काफी ज्यादा बढ़ गई है, जिससे हवा की गुणवत्ता का स्तर नीचे गिर रहा है। लॉकडाउन के समय में वातावरण में मौजूद प्रदूषकों की मात्रा प्रति क्यूबिक घनमीटर 50 से 80 थी, वहीं अब बढ़कर 90 प्रति क्यूबिक घनमीटर हो गई है, ऐसी जानकारी सफर-आईआईटीएम की ओर से दी गई है।