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    पिंपरी : जगद्गुरु संत तुकाराम महाराज के शिला मंदिर का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के हाथों किया गया। उपमुख्यमंत्री अजित पवार (Deputy Chief Minister Ajit Pawar) को भाषण करने नहीं दिए जाने के अलावा देहु संस्थान का यह कार्यक्रम अलग अलग कारणों से विवादों में घिर रहा है। इस कार्यक्रम में स्थानीय सांसद और  विधायक को आमंत्रण तक से दूर रखा गया। जबकि बीजेपी के पूर्व विधायक और मंत्री के तारीफों के पुल बांधे गए। पिंपरी-चिंचवड के अलावा पुणे और अन्य जिलों से बीजेपी (BJP) के नेता, पदाधिकारी कार्यक्रम में शामिल हुए। ऐसे में देहू संस्थान का यह पूरा कार्यक्रम बीजेपी द्वारा ‘हाईजैक’ किये जाने की चर्चा सियासी गलियारों में शुरू है।

    ये दोनों नेता प्रधानमंत्री के इस कार्यक्रम से दूर रहे

    पिंपरी-चिंचवड से सटे देहूगांव में शिला मंदिर के लोकार्पण कार्यक्रम में मावल लोकसभा चुनाव क्षेत्र से शिवसेना के स्थानीय सांसद श्रीरंग बारणे और मावल विधानसभा चुनाव क्षेत्र से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के स्थानीय विधायक सुनील शेलके को आमंत्रित नहीं किया गया था। नतीजन ये दोनों नेता प्रधानमंत्री के इस कार्यक्रम से दूर रहे। एक तरफ गैर बीजेपी दलों के स्थानीय सांसद और विधायक को कार्यक्रम से दूर रखा गया। वहीं दूसरी तरफ संस्थान के अध्यक्ष नितिन मोरे ने अपने भाषण में बीजेपी के भूतपूर्व विधायक और मंत्री बाला भेगड़े, जो पिछले कई दिनों से इस कार्यक्रम की तैयारियों में जुटे और देहूगांव में डेरा जमाए हुए थे, की तारीफों के पुल बांध दिए। 

    पिंपरी-चिंचवड शहर में भोसरी विधानसभा से बीजेपी विधायक महेश लांडगे और उनके नगरसेवकों और कार्यकर्ताओं की टीम तो वारकरियों की वेशभूषा में मौजूद रही। कार्यक्रम के दो दिन पहले से शहर के अलग अलग हिस्सों से बीजेपी नेता, नगरसेवक कार्यक्रम में उपस्थित रहने का आह्वान करते रहे। आज पूरे कार्यक्रम में न केवल पिंपरी-चिंचवड बल्कि पुणे और आसपास के जिलों से आये बीजेपी नेताओं और पदाधिकारियों की भीड़ सभी को चकित कर देने वाली रही। इन तमाम पृष्ठभूमि पर यह सवाल खड़ा किया जा रहा है कि यह कार्यक्रम देहू संस्थान का कार्यक्रम था या फिर बीजेपी का सियासी कार्यक्रम? यह पूरा कार्यक्रम बीजेपी द्वारा ‘हाइजैक’ कर लिए जाने की चर्चा सियासी गलियारों में जारी है।