
पिंपरी : चारों तरफ से मिलिट्री की सीमा से घिरे बोपखेल गांव (Bopkhel Village) के रहवासियों के लिए मुला नदी पर पुल बनाया गया है। शनिवार को उपमुख्यमंत्री अजीत पवार (Deputy Chief Minister Ajit Pawar) इस पुल का निरीक्षण दौरा करने वाले थे मगर राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Elections) के चलते यह दौरा अचानक रद्द कर दिया गया। इस दौरे को लेकर बीजेपी (BJP) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Nationalist Congress Party) के स्थानीय भूतपूर्व नगरसेवकों के बीच ठन गई है। दौरा रद्द होने के बावजूद दोनों तरफ से बयानबाजी (Rhetoric) शुरू ही है।
बीजेपी के पूर्व नगरसेवक विकास डोलस ने कहा कि, महानगरपालिका में शामिल होने के बाद से 20 साल तक बोपखेल को विकास कार्यों से वंचित रखने वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अब चुनाव की तैयारी में हैं और बीजेपी द्वारा किए गए विकास कार्यों का निरीक्षण कर राजनीतिक श्रेय लेने की कोशिश कर रही है। उपमुख्यमंत्री और संरक्षक मंत्री अजित पवार शहर में हो रहे विकास कार्यों का निरीक्षण कर रहे हैं। हालांकि, स्थानीय राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता काम का निरीक्षण और अनुमोदन के लिए बीजेपी के पास जाते हैं।
श्रेय लेने की कोशिश में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी
महानगरपालिका में जब से प्रशासनिक राज लागू हुआ है, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी आगामी चुनाव के लिए एक छिपे हुए एजेंडे को लागू करने की कोशिश कर रही है। महानगरपालिका में शामिल होने के बाद से बोपखेल के साथ अन्याय किया गया है। आज तक बोपखेल में कोई भी महत्वपूर्ण परियोजना नहीं हुई। बीजेपी के पांच वर्षों सत्ता के दौरान, बीजेपी ने फ्लाईओवर, रक्षा विभाग की सीमाओं के भीतर सड़कें, बहुउद्देश्यीय भवन, कर संग्रह कार्यालय, जलमार्ग, जल मुद्दे, पार्क विकसित करने की पहल की। पांच साल में उतना ही किया जितना पिछले 20 सालों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने नहीं किया। अब, चुनावों से पहले, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी श्रेय लेने की कोशिश कर रही है।
नवनिर्मित पुल का श्रेय ले रहे बीजेपी नेता
अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के पूर्व नगरसेवक चंद्रकांत वालके ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा कि, दापोडी बोपखेल रोड बीजेपी नेताओं की के चलते बंद कर दिया गया था। नए पुल से पांच किलोमीटर की खड़की मोड़ ने बोपखेल के लोगों को जीवन भर के लिए बेवजह पीड़ा दी। महानगरपालिका की स्थापना से पहले सीएमई सीमा से बोपखेल तक दापोडी के लिए पिंपरी पहुंचने के लिए एक पुरानी सड़क थी। हालांकि, केंद्र में सत्ता में आने के बाद भाजपा के रक्षा मंत्री ने इस पुरानी सड़क को हमेशा के लिए बंद कर दिया। यहां के नागरिकों के साथ ऐसा व्यवहार किया जाता था। जैसे बोपखेल पाकिस्तान में हो। इस सड़क के बंद होने से नागरिकों को नए पुल से पांच किलोमीटर डायवर्ट कर दापोडी, पिंपरी आना पड़ता था। यह उनके लिए शर्म की बात है कि जब बीजेपी रक्षा मंत्री थी तो स्थानीय बीजेपी नेता सड़क की समस्या का समाधान नहीं कर सकते थे। यह सच है कि किसी भी स्थानीय नेता ने इसके लिए ईमानदारी से प्रयास नहीं किया। वालके ने यह भी कहा कि सड़क की समस्या का समाधान नहीं कर पाने वाले बीजेपी नेता नवनिर्मित पुल का श्रेय ले रहे हैं, जो शहर के लोगों के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। इस पुल से बोपखेल के लोगों को बेवजह असुविधा होगी। पिंपरी पहुंचने के लिए नागरिकों को खड़की पहुंचने के लिए इस पुल का उपयोग करना होगा।
उसके बाद आपको पिंपरी का चक्कर लगाना होगा। जिंदगी भर का ये बेवजह का दर्द बीजेपी ने थोपा है। पिछले पांच सालों में जिन बीजेपी पदाधिकारियों ने अपना एक भी वादा पूरा नहीं किया, उन्होंने महानगरपालिका में सिर्फ भ्रष्टाचार किया है। बोपखेल के लोग इस तथ्य को नहीं भूले हैं कि शहरवासियों पर पानी की किल्लत थोपने वालों के पदाधिकारी घूसखोरी और रंगदारी जैसे गंभीर अपराध में जेल जा चुके हैं।