एमपीएससी पास करने के बाद भी नौकरी नहीं मिली, फांसी लगाकर ख़ुदकुशी करली

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    पुणे. कोरोना (Corona) के चलते बहुतों को नौकरी गंवानी पड़ी तो कई लोगों की नौकरी की प्रक्रिया ही थम गई। साल भर पढ़ने वाले छात्रों की परीक्षा रुक गई तो कहीं सरकारी नौकरी (Government Job)की परीक्षा पूरे साल के लिए रद्द हो गई। ऐसे में पुणे का एक छात्र इतना निराश हुआ कि इस सब से परेशान होकर उसने आत्महत्या का कदम उठा लिया। पुणे (Pune) के हडपसर इलाके के 24 साल के स्वप्निल लोनकर (Swapnil Lonkar) ने महाराष्ट्र पब्लिक सर्विस कमीशन (Maharashtra Public Service Commission)(एमपीएससी) (MPSC)का प्री क्लीयर कर लिया था, लेकिन कोरोना के चलते आगे की प्रक्रिया धीमी होने से उसे अब तक नौकरी नहीं मिली थी।

    स्वप्निल लोनकर के पिता पुणे के शनिवार पेठ इलाके में एक प्रिंटिंग प्रेस के मालिक हैं। दोनों माता-पिता बुधवार को काम के सिलसिले में बाहर गए थे। उसकी बहन भी किसी काम से बाहर गई हुई थी। दोपहर में जब वह घर लौटी तो उसका भाई कहीं नहीं मिला। वह उसके खोजने के लिए उसके कमरे में दाखिल हुई, तो उसे जमीन पर पड़ा देखकर हैरान रह गई। उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। उसकी बहन ने अपने माता-पिता को फोन किया और तुरंत पुलिस को बुलाया और आनन फानन में उसे अस्पताल ले जाया गया। हालांकि अस्पताल पहुंचने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया। मरने से पहले स्वप्निल ने सुसाइड नोट लिख छोड़ा है जिसने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है।

    सुसाइड नोट में लिखा था 

    सुसाइड नोट में, स्वप्निल ने लिखा है कि, “एमपीएससी एक माया है। इसके पीछे मत भागो। जैसे-जैसे मैं बड़ा होता जा रहा हूं, बोझ बढ़ता जा रहा है। मेरा आत्मविश्वास कम हो रहा है, मुझे प्री परीक्षा पास किए दो साल हो चुके हैं। मेरे ऊपर पहाड़ जैसा बड़ा कर्ज जमा हो गया है और इसे प्राइवेट नौकरी करके नहीं चुकाया जा सकता। अगर कोविड नहीं होता, तो सभी परीक्षाएँ समय पर होतीं, जिंदगी कुछ और होती। मैं घबराया नहीं हूं न ही टूटा लेकिन केवल अपर्याप्त साबित हुआ। पिछले कुछ समय से मेरे मन में नकारात्मक विचार आ रहे हैं लेकिन मैं इस उम्मीद पर कायम था कि कुछ अच्छा होगा। अभी इसकी संभावना नहीं दिख रही है। मेरी आत्महत्या के लिए कोई जिम्मेदार नहीं है, यह मेरा अपना फैसला है। मुझे माफ कर दो। ”

    एसएससी की परीक्षा में 91 फीसदी मार्क मिले थे

    स्वप्निल ने एक सरकारी अधिकारी बनने का सपना देखा था। उसी को पूरा करने के लिए उसने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद एमपीएससी की परीक्षा दी, उसमें वह पास भी हो गया। 2019 की पूर्व और मुख्य परीक्षा पास की। 2020 की पूर्व परीक्षा भी पास की। बावजूद इसके उसे नौकरी नहीं मिली। इसी निराशा में उसने खुदकुशी जैसा कदम उठाया। एसएससी की परीक्षा में उसे 91 फीसदी मार्क मिले थे। एमपीएससी पास करने के बाद गांव का मकान बनाने का उसका सपना था, जो निराशा के अंधेरे में डूब गया है। इस घटना को लेकर पुणे की हड़पसर पुलिस ने आकस्मिक निधन का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।