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    पिंपरी: करीबन 20 साल से बुनियादी सुविधाओं से दूर रहे पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका (Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation) में शामिल गांवों (Villages) में 850 बेड का सबसे बड़ा अस्पताल (Largest Hospital) बनाने का रास्ता साफ हो गया है। यह प्रस्तावित अस्पताल मोशी में चारागाह की जमीन पर बनाया जाएगा और जिला प्रशासन ने संबंधित स्थल का कब्जा पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका प्रशासन (Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation Administration) को सौंपने की मंजूरी दे दी है।

    2017 से विधायक महेश लांडगे ने महत्वाकांक्षी अभियान ‘भोसरी विजन-2020’ के तहत शामिल गांवों में बुनियादी ढांचा तैयार करने की पहल की। राज्य सरकार और महानगरपालिका प्रशासन के संयुक्त प्रयासों से ‘गांव गांव में अस्पताल’ की अवधारणा के माध्यम से स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। इसके लिए प्रशासन को चिखली, मोशी, चरहोली में जमीन का सुझाव दिया गया था। इसके साथ ही भोसरी विधानसभा क्षेत्र में जिला प्रशासन से संबंधित लंबित प्रश्नों के संबंध में 12 सितंबर 2022 को जिलाधिकारी डॉ. राजेश देशमुख की मौजूदगी में विधायक लांडगे ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की।

    7 दिनों में जिला प्रशासन ने दी सकारात्मक प्रतिक्रिया

    इस बैठक में चिखली, मोशी, चरहोली के क्षेत्रों में जगह तय की जाए और बड़ा अस्पताल बनाने के लिए जगह तय करने के साथ ही यशवंतराव चव्हाण अस्पताल पर दबाव कम करने पर चर्चा हुई। इसके बाद यह निर्णय लिया गया कि नगरीय प्रशासन के माध्यम से सम्मिलित गांवों में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त अस्पताल की स्थापना की जाए। विधायक लांडगे ने मांग की थी कि चिखली, मोशी, चरहोली के गांवों में जमीन उपलब्ध कराई जाए। महज 7 दिनों में जिला प्रशासन ने सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए अस्पताल निर्माण के लिए मोशी में प्रस्तावित स्थल के कब्जे को मंजूरी दे दी। इससे पहले, चिखली में एक अस्पताल के लिए साइट प्रस्तावित की गई थी। हालांकि उक्त स्थान वन विभाग के अंतर्गत आने के कारण जगह की समस्या उत्पन्न हो गई थी। उसके बाद मोशी में जगह तय की गई।

    कम होगा वाईसीएम अस्पताल का भार

    जिला प्रशासन ने महानगरपालिका को आरक्षण संख्या 1/189 के महानगरपालिका उपयोग (अस्पताल) के लिए अग्रिम कब्जा देने की मंजूरी दे दी है। इस संबंध में महानगरपालिका प्रशासन ने अस्पताल के लिए जमीन के हस्तांतरण की मांग की थी। इससे चिखली और मोशी के पास 850 बिस्तरों वाले अस्पतालों के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ। 1997 में महानगरपालिका की सीमा में शामिल किए गए नए गांवों में बड़े पैमाने पर शहरीकरण हुआ है। चिखली, मोशी, चरहोली जैसा ‘आवासीय गलियारा’ विकसित किया जा रहा है। साथ ही पुणे जिले के खेड़, चाकन, जुन्नर, अंबेगांव इलाकों के मरीज वाईसीएम अस्पताल में इलाज के लिए आते हैं। पिंपरी- चिंचवड शहर की आबादी फिलहाल 28 लाख के करीब है।  इससे महानगरपालिका द्वारा संचालित वाईसीएम अस्पताल पर भार है। पार्किंग और ट्रैफिक की भी समस्या है। अब मोशी में बन रहे 850 बेड के अस्पताल से वाईसीएम अस्पताल पर भार कम होगा और इसमें समाविष्ट गांवों सहित महानगरपालिका सीमा के अंतर्गत आने वाले ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों को राहत मिलेगी।

    पैरामेडिकल कॉलेज की योजना

    मोशी के एक बड़े इलाके में करीब 850 बेड की अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस अस्पताल बनाने का रास्ता साफ हो गया है। पर्याप्त जगह उपलब्ध होने के कारण पिंपरी-चिंचवड मेडिकल कॉलेज, पैरामेडिकल कोर्स कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज की स्थापना को लेकर मनपा प्रशासन सकारात्मक है और इस संबंध में बुनियादी सुविधाएं तैयार की जा रही हैं। विधायक महेश लांडगे शहर, उपनगर और ग्रामीण क्षेत्र के आम नागरिकों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने की बात उठा रहे हैं।