Kailas Kadam

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    पिंपरी: राज्य सरकार (State Government) ने पुणे (Pune) और पिंपरी (Pimpri) में एक अप्रैल से दस्तावेज पंजीकरण (Document Registration) और गिरवी पत्र लेन-देन पर स्टांप शुल्क (Stamp Duty) पर एक प्रतिशत अधिभार (सेस) लगाने का आदेश दिया है। इसका शहर के सभी मजदूरों समेत शहर के नागरिकों ने सख्त विरोध किया है। इंटक के पुणे जिलाध्यक्ष डॉ. कैलाश कदम (Dr. Kailas Kadam) ने मांग की है कि जब तक पुणे और पिंपरी मेट्रो की मेट्रो पूरी क्षमता से शुरू नहीं हो जाती, तब तक एक प्रतिशत सरचार्ज नहीं लगाया जाना चाहिए। डॉ. कैलाश कदम ने इस मसले पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात और शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखा है।

    इस पत्र में कहा गया है कि जिले का 90 प्रतिशत से अधिक मजदूर वर्ग पिंपरी-चिंचवड़ औद्योगिक शहर में रहता है। जिले के औद्योगिक क्षेत्र और उपनगरीय क्षेत्रों में भी मेहनती और मध्यम और निम्न आय वर्ग के नागरिकों का अनुपात अधिक है। नोटबन्दी और कोरोना लॉकडाउन के कारण इस औद्योगिक क्षेत्र के नागरिकों की आय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। ईंधन की बढ़ती कीमतों और बेरोजगारी से नागरिक चिंतित हैं। 

    एक अप्रैल से कोरोना पर से पूर्ण प्रतिबंध हटेगा

    एक अप्रैल से कोरोना पर से पूर्ण प्रतिबंध हटा लिया जाएगा। उसके बाद उद्योग क्षेत्र को गति मिलने की उम्मीद है। अधिकांश उद्योगों और व्यवसायों की वृद्धि निर्माण क्षेत्र से संबंधित है। पिछले सात वर्षों से निर्माण क्षेत्र संप्रदाय के कारण मंदी के कगार पर है।  जहां अगले वित्त वर्ष में इस सेक्टर को छूट मिलने की उम्मीद है, वहीं राज्य सरकार ने सेस में एक फीसदी की बढ़ोतरी का आदेश जारी किया है। इससे निर्माण (मकान, दुकान, कार्यालय) के लेन-देन के साथ-साथ अन्य सभी प्रकार के बंधक लेन-देन अधिक महंगे हो जाएंगे।

    75,000 से अधिक फ्लैटों की बिक्री का इंतजार 

    क्रेडाई की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिंपरी-चिंचवड़ में 75,000 से अधिक फ्लैटों की बिक्री का इंतजार है।  इस बढ़े हुए सरचार्ज से सभी लेन-देन की लागत बढ़ जाएगी। बैंक और वित्तीय संस्थान स्टैंप ड्यूटी पर बढ़ा हुआ प्रोसेसिंग चार्ज भी लगाएंगे। तो इन लेन-देन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। 6 फरवरी को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुणे और पिंपरी मेट्रो का उद्घाटन किया।  यहां तक ​कि दस प्रतिशत परियोजना का काम भी अभी तक पूरा नहीं हुआ है। 

    सरचार्ज बढ़ाना अनुचित 

    कदम ने कहा कि शहर के मजदूरों और नागरिकों ने भी इसका विरोध किया है। मेट्रो फेज वन का काम पूरा किए बिना करदाताओं पर सरचार्ज बढ़ाना अनुचित है। इस फैसले पर महाविकास अघाड़ी सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए। केंद्र सरकार रोजाना ईंधन के दाम बढ़ा रही है। इसके चलते महंगाई आसमान छू रही है। वृद्धिशील अधिभार के स्थगन से निर्माण क्षेत्र के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों को भी बढ़ावा मिलेगा, लेकिन बढ़ा हुआ सरचार्ज सभी की आय पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा और राज्य सरकार की आय को भी प्रभावित करेगा। डॉ. कैलाश कदम ने यह भी मांग की कि सरकार श्रमिकों और नागरिकों की इस मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करे।