पिंपरी : पिंपरी-चिंचवड़ (Pimpri Chinchwad) में प्रधानमंत्री (Prime Minister) नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की महत्वाकांक्षी स्मार्ट सिटी योजना में भारी अनियमितताएं देखी जा रही हैं। स्मार्ट सिटी कमेटी (Smart city Committee) और ठेकेदार (Contractors) मिलकर काम कर रहे हैं। इसलिए, शहर में स्मार्ट सिटी के काम में अनियमितताओं की निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जानी चाहिए। लोकसभा (Loksabha) में शिवसेना सांसद श्रीरंग बारणे ने इसकी मांग की। इस पर लोकसभा अध्यक्ष (Lok Sabha Speaker) ओम बिरला (Om Birla) ने तुरंत शहरी विकास मंत्री को संज्ञान लेने का निर्देश दिया।
संसद में बोलते हुए सांसद बारणे ने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्मार्ट सिटी एक महत्वाकांक्षी योजना है। यह योजना देश भर के 100 शहरों में लागू की गई है। मेरे मावल लोकसभा क्षेत्र के पिंपरी-चिंचवड़ शहर में स्मार्ट सिटी का काम चल रहा है। इस काम के लिए केंद्र सरकार 50 फीसदी, राज्य सरकार 25 फीसदी और नगर निगम 25 फीसदी फंड मुहैया करा रही है। दस्तावेज बताते हैं कि शहर में स्मार्ट सिटी का काम टेक महिंद्रा, एलएंडटी, बीजी शिर्के और बेनेट कोलमैन द्वारा किया जा रहा है। हालांकि हकीकत में ये कंपनियां काम नहीं कर रही हैं। इन कंपनियों ने उप-ठेकेदारों को काम पर रखा है।
सांसद श्रीरंग बारणे ने यह शिकायत भी की कि, उक्त कंपनियों द्वारा नियुक्त उप ठेकेदार ठीक से काम नहीं कर रहे हैं, उनके कामों में गुणवत्ता समान नहीं रहती है। पहले से ही विकसित क्षेत्रों में स्मार्ट सिटी का काम चल रहा है। स्मार्ट सिटी कमेटी और ठेकेदार मिलीभगत से काम कर रहे हैं। स्मार्ट सिटी कक विकास कार्य कागजों पर ही दिख रहा है। वास्तव में कुछ भी काम नहीं पूरा नहीं हुआ हक। इसलिए पिंपरी चिंचवड़ में स्मार्ट सिटी में हो रहे विकास कार्यों की निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शहरी विकास मंत्री को संज्ञान लेने का निर्देश दिया।