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– जिलाधिकारी कार्यालय के सामने किया आंदोलन

– नौकरी भर्ती के फॉर्म की जलाई होली

पुणे. बिजली कॉन्ट्रैक्ट कामगार महावितरण में वर्षों से काम करते आ रहे हैं, लेकिन उन्हें अभी तक भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया है. इसके खिलाफ बिजली कॉन्ट्रैक्ट कामगारों ने जिलाधिकारी कार्यालय के सामने भर्ती प्रक्रिया के फॉर्म की होली जलाकर राज्य सरकार और बिजली कंपनी प्रशासन के प्रति विरोध जताया.

जिलाधिकारी कार्यालय के सामने इकट्ठा हुए कॉन्ट्रैक्ट कामगारों ने इस मामले में सरकार की पॉलिसी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान संगठन की ओर से आरोप लगाया गया कि राज्य सरकार कॉन्ट्रैक्ट कामगारों को नौकरी में शामिल नहीं कर रही है. जबकि 23 जून को ऊर्जामंत्री ने राज्यभर के 7 हजार पदों पर भर्ती की घोषणा की है. 

नहीं दिया जा रहा समान वेतन 

कॉन्ट्रैक्ट कामगारों को समान वेतन भी नहीं दिया जा रहा है. कॉन्ट्रैक्ट कामगारों की पेंडिंग मांगों को लेकर सरकार को 8 जून को पत्र भेजा गया था, लेकिन इस पर सरकार की तरफ से कोई रिस्पांस नहीं मिला. कोरोना महामारी के संकट में कॉन्ट्रैक्ट कामगार जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं. उसके बावजूद सरकार कॉन्ट्रैक्ट कामगारों की उपेक्षा कर रही है. आंदोलन के वक्त महावितरण कॉन्ट्रैक्ट कामगार संगठन के प्रदेशाध्यक्ष नीलेश खरात, महासचिव सचिन मेंगाले, कार्याध्यक्ष उमेश आणेराव, संगठन मंत्री राहुल बोडके, कोषाध्यक्ष सागर पवार सहित भारतीय मजदूर संघ के पुणे जिला पदाधिकारी अर्जुन चव्हाण, उमेश विश्वाद, कॉन्ट्रैक्ट कामगार संघ पुणे के अध्यक्ष प्रवीण पवार, सेक्रेटरी सुमित कांबले और निखिल टेकवड़े उपस्थित थे. कॉन्ट्रैक्ट कामगारों को न्याय दें. 

भर्ती प्रक्रिया में शामिल करें

इस मौके पर महावितरण कॉन्ट्रैक्ट कामगार संगठन के प्रदेशाध्यक्ष नीलेश खरात ने कहा कि महावितरण में पिछले 10 से 15 वर्षों से कॉन्ट्रैक्ट कामगार काम करते आ रहे हैं. इन कॉन्ट्रैक्ट कामगारों की समस्याओं को लेकर सरकार के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी गई थी, लेकिन कॉन्ट्रैक्ट कामगारों को भर्ती प्रक्रिया में शामिल न करके ऊर्जामंत्री ने भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसका हम विरोध करते हैं, हमसे बात करने के लिए नहीं बुलाया गया. अभी भी वक्त बीता नहीं है. मुख्यमंत्री, ऊर्जामंत्री हमें नौकरी भर्ती प्रक्रिया में शामिल करें. यह हमारी सरकार से विनती है.