Entry to students with permission of parents
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  • 9 वीं से 12वीं के स्कूल खोलने को लेकर महानगरपालिका प्रशासन की भूमिका
  • 8486 में से सिर्फ1683 अभिभावक राजी

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पुणे. शहर के महानगरपालिका (Municipal Corporation) और निजी स्कूलों (Private Schools)को 3 जनवरी तक बंद रखने का फैसला किया गया था। कोरोना (Corona) के चलते छात्रों के स्वास्थ्य (Health) का विचार कर यह निर्णय लिया गया था। साथ ही अभिभावकों का भी इसे कम प्रतिसाद मिल रहा था। अब 4 जनवरी से स्कूल (School) शुरू करने  का निर्णय लिया गया है। जिन अभिभावकों ने अपने बच्चों को स्कूल में जाने की अनुमती दी हुई होगी, ऐसे ही छात्रों को स्कूल में प्रवेश दिया जाएगा। ऐसी भूमिका महापालिका प्रशासन की ओर से ली गई है।

 साथ ही स्कूल की सफाई और अध्यापकों की भी कोरोना टेस्ट अनिवार्य किया गया है। ऐसी जानकारी माध्यमिक शिक्षा विभाग के प्रभारी शिवाजी दौंडकर ने दी।

अभिभावकों में अब भी डर का माहौल

इसको लेकर महानगरपालिका माध्यमिक शिक्षा विभाग के प्रभारी शिवाजी दौंडकर  ने कहा कि स्कूल शुरू करने को लेकर शिक्षा विभाग द्वारा जांच सूची जारी की गई थी। इसमें स्वच्छता, स्वास्थ्य, सैनिटाइज़र, ऑक्सीमीटर, यातायात व्यवस्था, अध्यापकों की कोरोना की जांच रिपोर्ट, स्कूल प्रबंधन प्रमाणपत्र, क्लास रूम का प्रबंधन जैसी बातों का समावेश था। हमारी ओर से पूरी जांच की जा रही थी। अध्यापक भी तैयार हैं, लेकिन इसमें अभिभावक तैयार नहीं हो रहे हैं। उनमें अब भी डर का माहौल है। दौंडकर के अनुसार, मनपा के स्कूलों के 8 हजार 486 अभिभावकों में से सिर्फ 1683 अभिभावक राजी हो गए है। जबकि यह प्रमाण 15% है। सरकार के नियमानुसार, यह प्रमाण 40% होना चाहिए। दौंडकर ने कहा कि इसलिए हम इस नतीजे पर पहुंचे है कि जिन अभिभावकों की अनुमति है, ऐसे ही छात्रों को स्कूल में प्रवेश दिया जाएगा। माध्यमिक स्कूलों के करीब 345 अध्यापक हैं। उसमे से 234 लोगों ने अपना कोरोना टेस्ट कराया था, जिसमें 5 पॉजिटिव पाए गए हैं। तो शेष स्टाफ 156 है। जिसमें से 98 ने टेस्ट कराया था, जिसमे एक पॉजिटिव पाया गया।

शिक्षकों की कोरोना टेस्ट अनिवार्य

पुणे शहर में 14 दिसंबर से स्कूल शुरू होने थे। हालांकि, महापौर मोहोल ने माता-पिता के सहयोग पर चर्चा करने और कोरोना की वर्तमान स्थिति पर विचार करने के बाद स्कूल को बंद करने का फैसला किया था। महानगरपालिका प्रशासन ने इस संबंध में लिखित आदेश भी जारी कर दिए थे। पिछली बार, स्कूल शुरू करने के बारे में माता-पिता से केवल 5% गारंटी मिली थी। इस बार भी वही स्थिति देखी जा रही है। मेयर द्वारा कहा गया था कि कोरोना की स्थिति अभी भी नियंत्रण में है।  हालांकि, तस्वीर यह है कि माता-पिता स्कूल शुरू करने के बारे में बहुत सकारात्मक नहीं हैं। साथ ही, बच्चे का स्वास्थ्य एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और हमने सभी कारकों पर चर्चा करने के बाद निर्णय लिया है। हम कोरोना संक्रमण और अन्य मुद्दों की समीक्षा करने के बाद 3 जनवरी से पहले अगला निर्णय लेंगे। इसके अनुसार 4 जनवरी से स्कूल शुरू करने का निर्णय लिया गया है।

मनपा स्कूलों के 8 हजार 486 अभिभावकों में से सिर्फ 1683 अभिभावक राजी हुए हैं, जबकि यह प्रमाण 15% है. सरकार के नियमानुसार यह प्रमाण 40% होना चाहिए. इसलिए हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि जिन अभिभावकों की छात्रों को स्कूल भेजने की अनुमति है, ऐसे ही छात्रों को स्कूल में प्रवेश दिया जाएगा. इसके अनुसार हम नियोजन कर रहे हैं।

-शिवाजी दौंडकर, प्रभारी, माध्यमिक शिक्षा विभाग