Indrayani River
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पिंपरी: इंद्रायणी नदी (Indrayani River) का प्रदूषण (Pollution) दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। इस दूषित पानी के कारण प्रतिदिन सैकड़ों मरी हुई मछलियां (Dead Fish) नदी में फेंकी जा रही हैं। आए दिन मछलियां गिरने से क्षेत्र में दुर्गंध फैल रही है। इससे लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी खतरा बन गया हैं। इंद्रायणी नदी में पिछले दो सप्ताह से अधिक समय से मछलियों के मरने का दौर चल रहा है। 

इंद्रायणी नदी लोनावाला (Lonavala) क्षेत्र से निकलती है। यह बार-बार सामने आया है कि लोनावला की बस्तियों और कंपनियों से केमिकल मिला पानी सीधे इंद्रायणी नदी में छोड़ा जा रहा हैं। हालांकि प्रशासन द्वारा कोई सख्त कार्रवाई नहीं की जा रही है। नतीजन इंद्रायणी नदी बड़े पैमाने पर प्रदूषित होने लगी है और उसे नाले का स्वरूप मिल गया है।

जलकुंभी हटाने का अभियान कहां है?

देहुगांव नगर पंचायत की ओर से इंद्रायणी नदी से जलकुंभी निकालने का काम किया जाता है, लेकिन देहुगांव मंदिर क्षेत्र के घाट पर जलकुंभी ज्यों की त्यों है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर नगर पंचायत का जलकुंभी हटाने का अभियान कहां है? बढ़े हुए जलकुंभी और प्रदूषित पानी के कारण नदी के पानी में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। इसलिए जलीय जीवन विशेषकर मछलियां पानी की सतह पर आ जाती हैंस लेकिन ऑक्सीजन की कमी से उनकी मौत हो जाती है।

नदी के घाट पर बड़े पैमाने पर मरी हुई मछलियां मिली

देहुगांव में इंद्रायणी नदी के घाट पर पिछले कुछ दिनों से बड़े पैमाने पर मरी हुई मछलियां पड़ी हुई हैं। इससे इलाके में दुर्गंध फैल गई है। इन मछलियों को स्थानीय नागरिक एकत्र कर रहे हैं, लेकिन जब से घाट पर आने वाले पक्षी मरी हुई मछलियों को उठाकर कहीं और फेंक देते हैं, देहू ग्रामीणों का सिरदर्द बढ़ने लगा है। आषाढ़ी वारी और पालकी सम्मेलन महज दस दिन दूर है। पालकी समारोह के लिए पूरे महाराष्ट्र से वारकरी देहू शहर आते हैं। अगले कुछ दिनों में देहू नगरी में श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो जाएगा, लेकिन इससे पहले ही मरी हुई मछलियों से फैली दुर्गंध ने जोर पकड़ लिया है। स्थानीय नागरिक इसके समय पर समाधान की मांग कर रहे हैं।