महाविकास आघाडी सरकार की बदौलत किसानों की दिवाली काली, विधायक महेश लांडगे का आरोप

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    पिंपरी: महाविकास आघाड़ी सरकार (Mahavikas Aghadi Government) के किसानों (Farmers) प्रति द्वेष के कारण ऐन दिवाली (Diwali) पर राज्य के हजारों किसान परिवारों के घरों में अंधेरा छा गया है और राज्य सरकार द्वारा किसानों की दिवाली को काला (Black) बना दिया गया है। भाजपा (BJP) के पिंपरी-चिंचवड़ शहर अध्यक्ष और विधायक महेश लांडगे (MLA Mahesh Landge) ने मांग की है कि एक भी घोषणा को पूरा न करने वाली सरकार हमारे सवालों का जवाब दें नहीं तो जनता और किसानों को ठगने के लिए माफी मांगे।

    एक प्रेस विज्ञप्ति में विधायक लांडगे ने कहा कि सरकार के शुरुआती आंकड़े बताते हैं कि भारी बारिश के कारण राज्य में 55 लाख हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि को नुकसान पहुंचा है। 100 लाख हेक्टेयर से ज्यादा भूमि की उर्वरता समाप्त होने के साथ ही अगले दस वर्षों तक कोई भी फसल टिकने वाली नहीं है और महाविकास आघाड़ी सरकार 10,000 रुपए प्रति हेक्टेयर की फर्जी सहायता की घोषणा से किसानों का मजाक उड़ा रही है।

    राज्य में किसान निराश

     राज्य में किसान निराश हैं क्योंकि घोषित सहायता का एक अंश भी किसानों तक नहीं पहुंचा है और किसानों की आत्महत्याओं की संख्या बढ़ रही है। इसके लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है।  इस दु:ख से हजारों किसान परिवारों की दीपावली तो अंधकार में चली जाएगी, लेकिन मातोश्री, वर्षा और मंत्रालय रोशन होंगे।  

    बीमा कंपनियों से नहीं मिली किसानों को मदद

    उन्होंने कहा कि अगर ठाकरे सरकार को भी शर्म आती है तो मुख्यमंत्री को चाहिए कि इस साल की दिवाली को किसानों के दुख की दिवाली घोषित करें न कि मातोश्री और वर्षा को रोशन करें। पिछले महीने के अंत तक किसानों ने 28 लाख फसल बीमा अग्रिम नोटिस दाखिल किए थे। इसमें अब कुछ लाख और शामिल हो गए हैं। मुख्यमंत्री द्वारा बीमा कंपनियों को दिए गए 973 करोड़ रुपए में से एक पैसा भी किसानों के हाथ में नहीं गया है। राज्य में सरकारी अधिकारियों और दलालों ने किसानों को ठगने की साजिश रची है। जहां भारी बारिश के कारण सोयाबीन की फसल बर्बाद हो गई, वहीं इस फसल की भारी पैदावार के लालच देकर किसानों को गुमराह किया गया। मिलावटी खाद, घटिया बीज और धोखाधड़ी से जहां किसान पहले ही प्रभावित हो चुके हैं, वहीं राज्य सरकार इस मुद्दे पर खामोश है। यह आरोप विधायक महेश लांडगे ने लगाया। 

    साल भर का बिजली बिल माफ किया जाना चाहिए 

    सितंबर में 11 हजार रुपए क्विंटल मिलनेवाला दाम अब चार- पांच हजार रुपए पर आ गया है। किसानों के बाजार में माल लाना बंद करने से आमदनी भी ठंडी हो गई है और किसानों के हाथ में पैसे नहीं होने से दिवाली पर अंधेरा छा गया है। महाविकास अघाड़ी सरकार ने भी प्रभावित किसानों को प्रति हेक्टेयर 10,000 रुपए तक की सहायता की घोषणा कर किसानों के नुकसान का मजाक उड़ाया। न केवल फसलें, बल्कि कृषि भूमि भी कटाव के कारण खराब हो गई है, जिससे किसानों के लिए अगले दस वर्षों में कमाई का रास्ता बंद हो गया है।  इसलिए भूमि की खेती के लिए 40,000 रुपए प्रति हेक्टेयर की अतिरिक्त सहायता की घोषणा की जानी चाहिए। भाजपा विधायक ने कहा कि साल भर का बिजली बिल माफ किया जाना चाहिए क्योंकि बारिश पर निर्भर किसानों की आय कम हो गई है। विधायक ने यह भी कहा कि अनुचित फसल पंचनामा के कारण किसानों को मामूली सहायता भी नहीं मिलेगी।