Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation
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    पिंपरी. कोरोना महामारी के खिलाफ जारी जंग में जिंदगी की लड़ाई हारने वाले पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका (Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation) कर्मचारियों (Employees) के परिवारों को 25 लाख रुपए का सुरक्षा कवच उपलब्ध कराने का फैसला किया गया है। मनपा के ऐसे 13 कोरोना योद्धा (Corona Warrior)  महामारी की चपेट में आकर मौत के मुंह में चले गए है। उनके वारिसों को प्रति 25 लाख रुपए के हिसाब से सवा तीन करोड़ रुपए देने के खर्च के प्रस्ताव को स्थायी समिति (Standing Committee) ने मंजूरी (Approval)  दी है। इस सभा की अध्यक्षता स्थायी समिति सभापति एड. नितिन लांडगे ने की।

    पिछले साल 12 मार्च को पिंपरी-चिंचवड़ में कोरोना का पहला मरीज मिला था। तब से आज तक मनपा के कर्मचारी महामारी के खिलाफ जारी जंग लड़ रहे हैं। मनपाकर्मी अपनी जान को जोखिम में डालकर कोरोना की रोकथाम के उपाययोजनाओं में जुटे हुए हैं। इस लड़ाई में कई कर्मचारियों को अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ा है। ऑन ड्यूटी मौत होने पर मनपा कर्मचारियों के परिवारों को सुरक्षा कवच उपलब्ध कराया जा रहा है। इसमें केंद्र और राज्य सरकार से मिलनेवाली 50 लाख रुपए, वारिसों को अनुकंपा नियुक्ति और मनपा की ओर से 25 लाख रुपए की वित्त सहायता शामिल है। 

    एक समिति गठित की गई

    मनपा कर्मचारियों के परिवारों को वित्त सहायता देने के फैसलों के लिए मनपा कमिश्नर की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है। इस समिति के समक्ष 13 मामलों की फाइलें पेश की गई थी, जिसे 19 मार्च को मंजूरी दी गई। इसके अनुसार मनपा के मजदूर अनंत कालबाटे, परिचारिका शोभा भुजबल, वॉर्डबॉय ज्ञानेश्वर जाधव, स्वास्थ्य सेवक भालचंद्र राऊत, मजदूर हनुमंत वाडेकर, लिफ्टमैन मोहंमद शेख, मजदूर मारूती शेडगे, उपलेखापाल सिद्धार्थ जगताप, रखवालदार तानाजी धुमाल, चपरासी संभाजी पवार, कार्यालय अधीक्षक साईनाथ लाखे, रखवालदार तायप्पा बहिरवाडे, क्लिनर अनिल ठाकुर इन 13 कर्मचारियों के वारिसों को कोरोना सुरक्षा कवच योजना के तहत प्रति 25 लाख रुपए की वित्त सहायता दी जाएगी। इसके लिए स्थायी समिति की सभा मे ऐन मौके पर पेश किए सवा तीन करोड़ रुपए खर्च के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।