Moshi Garbage Depot Fire

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    पिंपरी: अभी दस दिन पहले मोशी कचरा डिपो (Moshi Garbage Depot) में लगी आग (Fire) की घटना ताजा ही है कि शनिवार को यहां फिर से आग लग गई। देर रात तक पिंपरी चिंचवड़ महानगरपालिका (Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation) दमकल विभाग के सात दमकल वाहन और जवानों की टीम आग पर काबू की जद्दोजहद में जुटी रही। पिछली आग की घटना ने संदेह पैदा कर दिया था। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के शहर अध्यक्ष अजीत गावणे (Ajit Gawane) ने आरोप लगाया है कि करोड़ों रुपए के बिल बिना बायोमाइनिंग कार्य के जुटाए गए और बीजेपी (BJP) के ठेकेदारों और पदाधिकारियों के भ्रष्टाचार को दबाया जा रहा है।

    मोशी में कचरा डिपो में दस दिन पहले आग लग गई थी। काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शहर अध्यक्ष अजीत गव्हाने ने घटना की जांच की मांग की थी। अब 10 दिन बाद शनिवार को मोशी कचरा डिपो में फिर से आग लग गई, जबकि महानगरपालिका कमिश्नर राजेश पाटिल ने अभी तक प्रशासनिक स्तर पर जांच को लेकर कोई फैसला नहीं लिया है। आग लगने के बाद अजीत गव्हाने ने फिर से एक बयान जारी कर इस पर संदेह व्यक्त किया।

    एनसीपी का आरोप, बायोमायनिंग का भ्रष्टाचार दबाने की कोशिश

    गव्हाने की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, दस दिन पहले मोशी में कचरा डिपो में लगी आग बीजेपी से जुड़े ठेकेदारों के करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार को दबाने की कोशिश थी। आग लगने के दस दिन से भी कम समय के बाद कचरा डिपो में लगी दोबारा आग ने फिर से संदेह पैदा कर दिया है। आग उस जगह के पास लगी जहां बायोमाइनिंग का काम चल रहा था। कोरोना काल में कचरा डिपो पर काम करने वाले ठेकेदारों ने काम नहीं किया। इस दौरान करोड़ों रुपए का बिल आया है और बीजेपी पदाधिकारियों के घर भर गए हैं।

    घटना की जांच कराएं महानगरपालिका कमिश्नर

    अब कचरा डिपो में आग लगाने के तरीके हैं ताकि घोटाले का पर्दाफाश न हो। इस ठेकेदार को पर्यावरण विभाग द्वारा अरबों रुपए का भुगतान तब भी किया गया है जब दस प्रतिशत से भी कम जैव-खनन कार्य पूरा नहीं हुआ है। यह ठेकेदार भोसरी में बीजेपी पदाधिकारियों की दासी है। हमें संदेह है कि करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार को दबाने के लिए ही आग को भड़काया गया था और कमिश्नर को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और तुरंत मामले की जांच करनी चाहिए। बार-बार अनुरोध के बावजूद, कमिश्नर ने मोशी अपशिष्ट डिपो में आग की जांच नहीं की, जिससे संदेह पैदा हुआ कि प्रशासन शामिल हो सकता है। इसलिए यदि कमिश्नर हमारी मांग पर विचार नहीं करते हैं और तत्काल जांच की घोषणा करते हैं, तो राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की ओर से विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।