Use of firecrackers on Diwali to be punishable offence Delhi environment minister

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    पिंपरी: कोरोना के साये के बाद इस साल हर त्यौहार धूमधाम से मनाए जा रहे हैं। चारों तरफ खुशियों के त्यौहार दिवाली (Diwali) की धूम मची हुई है। हालांकि त्यौहार की खुशियां मनाने के उत्साह में नियमों की अनदेखी न होने पाए, इसके लिए पुलिस (Police) मुस्तैद है। खुशियों का पर्व मनाते वक्त पटाखों (Firecrackers) की आतिशबाजी काफी जोर-शोर में की जाती है। हालांकि इस दौरान ज्यादा आवाज के पटाखों से मानवी स्वास्थ्य और पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। 

    इस पृष्ठभूमि पर पिंपरी-चिंचवड पुलिस (Pimpri-Chinchwad Police) ने ज्यादा आवाज के पटाखों की आतिशबाजी पर रोक लगाई है। इसका उल्लंघन करनेवालों पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।

    पुलिस कमिश्नर ने जारी किया आदेश

    दीपावली पर्व की पृष्ठभूमि में पिंपरी-चिंचवड़ शहर के पुलिस कमिश्नर अंकुश शिंदे ने महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम 1951 के अनुसार पिंपरी-चिंचवड पुलिस आयुक्तालय क्षेत्र में 24 अक्टूबर मध्यरात्रि से 12 बजे से 23 नवंबर की मध्यरात्रि 12 बजे तक ध्वनि प्रदूषण करने वाले पटाखों पर रोजाना रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। इस अवधि के दौरान 100 से अधिक पटाखों के साथ सभी चेन पटाखों को फोड़ना और 125 डेसिबल से अधिक शोर करना प्रतिबंधित है। अंधाधुंध तरीके से किसी भी पटाखों का निर्वहन करें या किसी भी गली या सड़क के 50 फीट के भीतर कोई भी पटाखे, फायर बलून, रॉकेट या आतिशबाजी न करें। आतिशबाजी की जगह से 4 मीटर के भीतर 125 डेसिबल की आवाज पैदा करने वाले पटाखों का उत्पादन, बिक्री या उपयोग पर रोक लगाई गई है।

    …तो लगेगा कानूनी दंड

    50 से 100 और 100 और उससे अधिक के चेन पटाखों के मामले में, पटाखों की फायरिंग की जगह से 4 मीटर की दूरी तक शोर सीमा क्रमशः 110, 115 और 125 डेसिबल से अधिक नहीं होनी चाहिए। पुलिस के आदेश में यह भी कहा गया है कि जो व्यक्ति इस आदेश का उल्लंघन करेगा, वह महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की धारा 131 के तहत कानूनी दंड के भागी होगा।