पुणे में बनीं पहली स्वदेशी हाइड्रोजन से चलने वाली बस, हिंजवडी के लैब में हुई तैयार

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    पुणे: हाइड्रोजन (Hydrogen) पर चलने वाली देश की पहली और पूरी तरह से स्वदेशी बस (Bus) पुणे (Pune) में बनकर तैयार हो गई है। हाइड्रोजन को एक स्वच्छ ईंधन माना जाता है। शहरों में बढ़ते प्रदूषण (Pollution) से बचने के लिए यह बसें कारगर साबित होने वाली हैं। हिंजवडी सेंटियंट लैब की कार्यशाला में इस बस का प्रदर्शन किया गया। इस बस में कुल 32 सीटें है।

    इस बस को एनसीएल और केंद्रीय विद्युत रासायनिक अनुसंधान संस्था के संयुक्त प्रयासों से बनाया गया है। इस बस के प्रदर्शन के समय वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. रघुनाथ माशेलकर, एनसीएल के निदेशक डॉ. आशीष लेले, लैब के अध्यक्ष रवि पंडित उपस्थित थे।

     प्रदूषण को कम करने के लिए भी यह ईंधन कारगर 

    इस समय वैज्ञानिक डॉ. माशेलकर ने कहा कि हाइड्रोजन एक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध ईंधन है। भविष्य में इसकी काफी ज्यादा जरुरत हमें लगेगी। साथ में प्रदूषण को कम करने के लिए भी यह ईंधन कारगर है। हाइड्रोजन ईंधन में भारत को प्रगति करने की काफी ज्यादा क्षमता है। इसके लिए जरुरत है उद्योग और अनुसंधान संस्थाओं के साथ सरकार को समन्वय साधने की। रवि पंडित ने कहा कि लम्बे सफर की दृष्टि से बना और हाइड्रोजन पर चलने वाला यह शायद विश्व का पहला ही वाहन होगा। इस बस के सभी कलपुर्जों को पुणे और बेंगलुरु की प्रयोगशालाओं में विकसित किए गए हैं। इसके साथ हम हाइड्रोजन ईंधन के नए विकल्प के संदर्भ में जल्द ही अनुसंधान की घोषणा करेंगे।

    हायड्रोजन ईंधन का बिजली में रुपांतरण

    इस लैब में ‘हाइड्रोजन ईंधन विद्युत घट’ नाम से एक ऐसा संयंत्र तैयार किया गया है, जो रासायनिक ऊर्जा का सीधे विद्युतीय ऊर्जा में अखंडित तौर पर रुपांतरण करता है। इसमें एक विद्युत अग्र को हाइड्रोजन ईंधन और दूसरे को ऑक्सीजन या फिर हवा जैसा ऑक्सीडीकारक पदार्थ सप्लाई किया जाता है। इससे इलेक्ट्रॉन-विनिमय से बिजली उत्पन्न होती है, जो वाहनों को ऊर्जा प्रदान करती है, ऐसी जानकारी लैब की ओर से दी गई है।

    ‘हायड्रोजन घट’ की विशेषताएं

    •  किसी प्रकार का प्रदूषण ना होना
    • शुद्ध पानी का उत्सर्जन होना
    •  पेट्रोल, डीजल की तुलना में दोगुनी ऊर्जा निर्मिती
    • हाइड्रोजन की निर्मिती के लिए कई विकल्प

     बस की विशेषताएं

    • सभी इलेक्ट्रॉनिक्स पुर्जों का स्वदेश में उत्पादन
    • सभी संयंत्र बस के ऊपरी भाग में जिससे अधिक सुरक्षा
    • 600 किलोमीटर दौड़ने की क्षमता
    • एक किलो हाइड्रोजन में 20 किलोमीटर की क्षमता