SKN हॉस्पिटल में आयुर्वेदिक दवाओं के इलाज के आ रहे अच्छे नतीजे

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-आयुष मंत्रालय से ली गई अनुमति

पुणे. नर्हे स्थित श्रीमती काशीबाई नवले मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में कोरोनाग्रस्त मरीजों का ‘सुवेद’, ‘रेम्युजेन’ तथा ‘पिनाक’ आयुर्वेदिक दवाओं से इलाज किया जा रहा है. इसके लिए भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा अनुमति ली गई है. इस दवा के बेहतर नतीजे सामने आ रहे है, ऐसी जानकारी हॉस्पिटल प्रशासन की ओर से दी जा रही है.

कोरोना संक्रमित मरीजों पर प्रभावी इलाज के लिए पुणे के विभिन्न हॉस्पिटल्स में दवा का प्रयोग किया जा रहा है. इनमें से श्रीमती काशीबाई नवले हॉस्पिटल में भी कोरोना के मरीजों पर ‘सुवेद’, ‘रेम्युजेन’ तथा ‘पिनाक’ इन आयुर्वेदिक दवा से इलाज किया जा रहा है. इसकी जानकारी हॉस्पिटल की ओर से क्लिनिकल ट्रायल रजिस्ट्री ऑफ इंडिया (सीटीआरआई) की ओर पंजीकृत की गई है. क्लिनिकल ट्रायल को खास तौर पर प्रोत्साहन देने के लिए सीटीआरआई संस्था काम करती है तथा देशभर में चल रहे टेस्टिंग की जानकारी भी यह संस्था संकलित करती है.

ठीक हो रहे मरीज  

एसकेएन मेडिकल कॉलेज की अधिष्ठाता डॉ. शालिनी सरदेसाई ने इस संदर्भ में बताया कि आयुर्वेद में ‘सुवेद’ दवाई रक्त प्रवाह को सुधारने के लिए, ‘रेम्युजेन’ का इस्तेमाल रोगप्रतिकार शक्ति को बढ़ाने के लिए किया जाता है. यह दोनों ही दवा पहले से ही इस्तेमाल में हैं. इन दवा का प्रयोग अभी सामान्य लक्षणों वाले कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए किया जा रहा है. इस दवा के काफी अच्छे नतीजे आ रहे हैं और मरीज ठीक हो रहे हैं. ऐसी जानकारी डॉ. सरदेसाई ने दी.

रोगप्रतिकार शक्ति में बढ़ोतरी 

उन्होंने बताया कि यह दोनों ही दवा देने पर रक्त परिसंचरण में सुधार होता है तथा संक्रमण के खिलाफ लड़ने के लिए शरीर की रोगप्रतिकार शक्ति में बढ़ोतरी होती है. रक्ताभिसरण अच्छा होता है तथा खून के थक्के नहीं बनते. यह दवा कोरोना संक्रमितों के वॉर्ड में इलाज कराने वाले सभी डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों को दी जा रही है. अब तक इनमें से किसी को भी कोरोना का संक्रमण नहीं हुआ है.

सभी प्रकार के लक्षणों वाले मरीजों के लिए इस्तेमाल की जा रही दवा

पिनाक गोली का इस्तेमाल जहरीले सापों के कांटने पर काफी गुणकारी होता है. यह दवाई शरीर में प्रोटिन तैयार कर मरीज को ठीक कराने में सहयोग देती है. इसके गुणद्रव्यों के कारण एचआईवी के विषाणुओं का भी विनाश होता है. यह दवा इस समय कोरोना के सभी प्रकार के लक्षणों वाले मरीजों के लिए इस्तेमाल की जा रही है. हॉस्पिटल के औषधि चिकित्सा शास्त्र विभाग के प्रमुख डॉ. श्रीपाद भट इस जांच के प्रमुख अनुसंधनकर्ता है. उनके साथ में डॉ. सचिन क्षीरसागर, डॉ. सुजाता वैद्य और डॉ. विद्याधर कुंभार इस टीम में सहअनुसंधानकर्ता के तौर पर काम देख रहे हैं. ऐसी जानकारी डॉ. शालिनी सरदेसाई ने दी.

तीन मरीजों की प्लाज्मा थेरेपी

‘आईसीएमआर’ की अनुमति के अनुसार एसकेएन हॉस्पिटल में मरीजों का प्लाज्मा थेरेपी से इलाज किया जा रहा है. इसके भी काफी अच्छे नतीजे सामने आ रहे हैं. जो लोग कोरोना से ठीक हो रहे हैं, उन्हें प्लाज्मा थेरेपी के लिए रक्तदान करने के संदर्भ में अपील किया जा रहा है. हॉस्पिटल के एथिक्स कमेटी की मान्यता के पश्चात ही मरीजों का इलाज कराने के संदर्भ में दवा दी जा रही हैं. इसके बेहतरीन नतीजे अब सामने आ रहे हैं. इसकी सारी जानकारी सीटीआरआई को दी जा रही है. ऐसा डॉ. सरदेसाई ने बताया.