Pune Municipal Corporation

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पुणे: मुला-मुठा नदी (Mula-Mutha River) तट पुनर्जीवन, कंजर्वेशन और ब्यूटीफिकेशन प्रोजेक्ट (Beautification Project) के तहत नदी किनारे के एरिया में पेड़ों की कटाई (Tree Cutting) के बारे में गलत जानकारी दी जा रही हैं। इस प्रोजेक्ट में नदी किनारे प्रभावित वृक्षों में से कुल 3 हजार 142 वृक्षों को बिना हटाए संरक्षित किया जाएगा। साथ ही पुराने और दुर्लभ पेड़ों को सुरक्षित किया जाएगा। कार्य के दौरान हटाए जाने वाले पेड़ों के स्थान पर 65,000 से अधिक पेड़ लगाए जाएंगे। इससे शहर से होकर बहने वाली नदी के दोनों किनारों पर ग्रीन बेल्ट (Green Belt) बना रहेगा। यह जानकारी पुणे महानगरपालिका प्रशासन (Pune Municipal Administration) ने दी है।

साबरमती नदी की तर्ज पर पुणे महानगरपालिका (पीएमसी) ने मुला-मुठा नदी के किनारों के पुनरुद्धार, संरक्षण और सौंदर्यीकरण के लिए 5 हजार करोड़ रुपए की योजना शुरू की है। इस योजना के तहत बंडगार्डन में काम शुरू कर दिया गया है। इस प्रोजेक्ट के लिए कम से कम छह हजार पेड़ काटे जाएंगे। इसलिए शहर के पर्यावरणविदों और गैर सरकारी संगठनों ने इसका विरोध किया है। साथ ही कुल 11 पर्यावरणविदों ने अपना पर्यावरण दूत पुरस्कार महानगरपालिका को वापस कर दिया हैं। इसे देखते हुए पीएमसी की ओर से स्पष्टीकरण दिया गया है।

बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई की खबरें गलत

पीएमसी प्रशासन ने कहा है कि परियोजना के तहत संगम पुल से बंडगार्डन और बंडगार्डन से मुंढवा तक काम शुरू किया गया है। पुनर्जीवन कार्य के दौरान नदी किनारे के 6 हजार से अधिक पेड़ों को काटा जाएगा। ये पेड़ पुराने और दुर्लभ पेड़ों शामिल है। साथ ही बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई की जाएगी। इस तरह की गलत खबरें चलाई जा रही है। इसमें कोई सच्चाई नहीं है। इसके विपरीत नदी किनारे प्रभावित पेड़ों में से 3 हजार 142 पेड़ों को बिना काटे संरक्षित किया जाएगा। साथ ही हटाए गए पेड़ों के स्थान पर 65 हजार से अधिक पेड़ लगाए जाएंगे। इससे नदी के दोनों किनारों पर हरित बेल्ट बना रहेगा। यह पीएमसी प्रशासन ने स्पष्ट किया है।

इन पड़ों को हटाया जाएगा

संगमवाडी से बंडगार्डन तक परियोजना के तहत चल रहे कार्यों के दौरान कुल प्रभावित वृक्षों में से 1 हजार 538 वृक्षों को हटाने का प्रस्ताव है। इसमें सुबाभूल, कुबाभूल, कांटेदार बबूल, विलायती इमली जैसे पेड़ों की संख्या अधिक है। इनमें बबूल के 441, सुबाभूल 804 और विलायती बबूल और विलायती किकर की 489 जैसे करीब 1 हजार 534 पेड़ों को हटाया जाएगा। यह हटाए जाने वाले पेड़ों की कुल संख्या का लगभग 99 प्रतिशत है। इसके अलावा खैर के 2 और नीलगिरी के 2 पेड़ों को हटाया जाएगा। साथ ही बंडगार्डन से मुंढवा के बीच में कुल 1 हजार 572 पेड़ों को पूर्ण रुप से हटाने का प्रस्ताव है। इसमें भी 1 हजार 253 विलायती पेड़ों को हटाया जाएगा।