गुवाहाटी न जाते तो ये नेता उद्योग मंत्री भी नहीं होते!

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    पिंपरी : पिंपरी-चिंचवड लघु उद्योग संगठन (Pimpri-Chinchwad Small Scale Industries Association) की ओर से मोशी में आयोजित उद्यमियों के सम्मेलन में उद्योग मंत्री उदय सामंत (Industries Minister Uday Samant) ने खुलासा किया कि अगर वे गुवाहाटी (Guwahati) न गए होते तो आज उद्योग मंत्री भी न होते। बड़े-बड़े उद्योग महाराष्ट्र से बाहर क्यों गए, किसकी वजह से गये? यह सभी भलीभांति जानते हैं। हालांकि राज्य सरकार (State Government) की ओर से इस बारे में श्वेतपत्र जारी किया जाएगा। अपने संबोधन में उद्योग मंत्री ने लघु उद्यमियों के मसलों को जल्द से जल्द हल करने के साथ ही राज्य सरकार उद्यमियों के साथ रहने का भरोसा भी दिलाया।

    चंद दिन पहले उद्योगमंत्री सामंत ने लघु उद्यमियों के साथ हुई चर्चा में 15 दिन बाद उनकी लंबित मसलों का समाधान निकालने के लिए पुनः आने का आश्वासन दिया था। इसके अनुसार शनिवार की शाम वे पिंपरी-चिंचवड में पधारे थे। यहां उन्होंने उद्यमियों की लंबित मांगों पर कैबिनेट की बैठम में सकारात्मक फैसले का भरोसा भी दिलाया। इस सम्मेलन के मंच पर बीजेपी विधायक महेश लांडगे, संगठन के अध्यक्ष संदीप बेलसरे, जयंत कड, निदेशक संजय सातव, संजय जगताप, विनोद नाणेकर, तात्या सपकाल, सुरेश तात्या म्हेत्रे, प्रविण लोंढे, संजय ववले, विजय खलदकर आदि पदाधिकारी उपस्थित थे।

    इस सम्मेलन में पिंपरी-चिंचवड और चाकन औद्योगिक क्षेत्र में उद्योगों की समस्याओं को प्रस्तुत किया गया। इनमें मुख्य रूप से बिजली की समस्या, पेनल्टी टैक्स, रेड जोन में इंफ्रास्ट्रक्चर, अंडरग्राउंड सीवरेज स्कीम और सीईटीपी प्लांट, कूड़ा-कचरा की समस्या, फायर स्टेशन, बस सुविधा, अनाधिकृत झोंपड़ियां और कबाड़ की दुकानें, ट्रैफिक जाम और महानगरपालिका प्रशासन से अपेक्षित इंफ्रास्ट्रक्चर की सुविधा पर चर्चा की गई। इसके अलावा, महिलाओं की सह्याद्री स्वयंरोजगार सेवा सहकारी संस्था को चाकण औद्योगिक क्षेत्र फेज 2 में दिए भूखंड पर निर्माण कार्य मे किसानों द्वारा उपन्न व्यवधान पर हल निकालने का भरोसा भी उन्होंने दिलाया। 

    उद्योगों की बिजली कटौती को लेकर नियम कड़े होंगे

    करीबन 4 हजार उद्यमियों का नेतृत्व करने वाले लघु उद्योग संगठन के कार्यालय के लिए एमआईडीसी से एक हजार वर्ग फीट क्षेत्र उपलब्ध कराने का आदेश भी उन्होंने दिया। उद्योग मंत्री ने कहा, एक छोटा उद्यमी बड़े उद्यमों की नींव होता है। विकास के ये दोनों पहिये साथ-साथ चलने चाहिए। उनके मसलों को हल किया जाएगा। उद्योगों की बिजली कटौती को लेकर नियम कड़े होंगे। साथ ही उद्योगों की मांगों को लेकर भी कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया जाएगा। महायुति सरकार आवश्यक अधोसंरचना सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उद्योगों के राज्य से बाहर जाने के कारणों को लेकर हम एक श्वेत पत्र जारी करने जा रहे हैं। पेनल्टी टैक्स, इनकम टैक्स, रेड जोन से जुड़े मुद्दों पर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से चर्चा होगी।

    उद्यमियों ने कर्ज लेकर मजदूरों की सुरक्षा की

    विधायक महेश लांडगे ने कहा कि प्रदेश के उद्योग मंत्री पहली बार पिंपरी-चिंचवड शहर में लघु उद्योगों की समस्याओं के समाधान के लिए आए। अब तक कई नेताओं और मंत्रियों ने सिर्फ बड़ी कंपनियों की बैठकें और भूमि पूजन किया, लेकिन, उनकी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। लघु उद्योग, जो सबसे अधिक राजस्व प्रदान करते हैं, सुविधाओं से वंचित रहे। हमने महानगरपालिका और राज्य सरकार से संपर्क किया। कोविड काल में छोटे उद्यमियों ने कर्ज लेकर मजदूरों की सुरक्षा की। मगर बिजली बिल नहीं भरा तो महाविकास अघाड़ी के दौरान छोटे उद्यमियों का बिजली कनेक्शन काट दिया। अब राज्य में सत्ता परिवर्तन हुआ है। अब शहर के छोटे उद्योगों और आम नागरिकों पर लगाए गए दंडात्मक कर को रद्द करने का निर्णय लिया जा सकेगा।